रायपुर। (अमर छत्तीसगढ़) स्थानीय सुराणा भवन छोटा पारा में जैन समाज के तपस्यों का भव्य सम्मान व आयोजित स्वागत समारेाह को संबोधित करते हुए तपस्वी संघ हेमंत मुनि श्री जी ने कहा सहानुभूति पूर्वक सहयोग सहृदय से जो दूसरे व्यक्ति के हृदय को ईमानदारी से अपने हृदय में जीत लेता है। उस पर प्रेम उमड़ पड़ता है। जो व्यक्ति प्रेम एवं ईमानदारी से कार्य निभा लें तो फिर चिंता करने की उन्हें जरूरत ही नहीं। साधु मार्गी जैन संघ के अशोक सुराणा के अनुसार प्रवचन का अंश प्रस्तुत करते हुए कहा कि म सा हेमंत मुनि ने कहा ज्ञानियों ने बताया है जीवन में चार बातों क्रमश परिवर, धन, सम्मान, प्रतिष्ठा सर्व प्राणी जीवों के प्रति मैत्री भाव से चार गुण होने से हजारों संकट भी दूर हो जाते हैं। भगवान महावीर को जब चंड कौशिक ने डंक मारा तब उसके अंदर प्रेम और करूणा का सागर भरा हुआ था। उनके पैसे से दूध की धारा निकली। उन्होंने अपने अमृत वचन से उसका जीवन बदल दियंा। उसे मोक्ष पहुंचा दिया।
आयोजन के प्रमुख अशोक सुराणा ने सांध्य दैनिक अमर छत्तीसगढ़ को बताया कि साधुमार्गी जैन संघ रायपुर के सानिध्य में चल रहे चार्तुमास में आज तपविस्योंं के सम्मान समारोह में 400 से अधिक लोगों को सम्मानित किया गया। ंसाधुमार्गी जैन संघ, साधुमार्गी महिला मंडल, समता युवा संघ एवं समता बहु मंडल के अध्यक्ष, मंत्री, कार्यकारिणी सदस्य एवं सभी सदस्यों की उपस्थिति में गरिमामय भव्य तपविस्यों का सम्मान समारेाह संपन्न हुआ। इस अवसर पर समाज के सर्व श्री राजेन्द्र सुराणा, संतोष खाटोड़, विनय दुग्गड़, विजय बोथरा, जेठमल सांखला, मोहन बाफना, ताराचंद श्रीश्रीमाल, आदित्य सुराणा, उषा देवी पारख, सांध्या धाड़ीवाल, घीसी बाई सहित बड़ी संख्या में संघ व संस्था से जुड़े लोग, समाज के लोग उपस्थित थे। �