रायपुर(अमर छत्तीसगढ़)। न्यू राजेंद्र नगर के मेघ-सीता भवन, महावीर स्वामी जिनालय परिसर में चल रहे चातुर्मासिक प्रवचन के दौरान सोमवार को साध्वी श्री स्नेहयशाश्रीजी ने कहा कि प्यास कितनी भी लगे और अगर पानी पीने की तड़प हो जाए, वहां से नदी कितनी भी दूर हो, पर आग परमात्मा में विश्वास हो तो वे बारिश की बूंदे बरसा ही देते हैं। वैसे ही हमारा कर्तव्य है कि चारों ओर उजियारा फैलाये रखना है। दीपक आप जलाओ या आपके आजू-बाजू वाला जलाएं, धर्म का उजियारा चारों ओर होना चाहिए।
जो अभाव में पलता है, वही प्रभावशील बनता है
साध्वीजी ने कहा कि आप कितना भी धन संपत्ति जमा कर लो आप उनके ऊपर लेकर नहीं जा सकते, यह एक भ्रांति है। अगर आप चाहो तो सब चीज आपके साथ जा सकती है। जो संपत्ति आपने धर्म के नाम, आने वाली पीढ़ियों के संस्कार के नाम कर दी, वह आपके साथ ऊपर जाती है। अगर आप किसी गरीब के घर में पैदा हुए तो यह मत सोचना कि आप कुछ कर नहीं सकते आपका जीवन ऐसे ही चलता रहेगा, यह भी एक भ्रांति है। एक गरीब के घर पैदा हुए बच्चे को स्कूल जाने के लिए नदी पार करनी पड़ती थी। नाव से जाने के लिए पैसे लगते थे तो वह तैर कर ही नदी पार करके स्कूल जाता था और वही बच्चा बड़ा होकर डॉ. राजेंद्र प्रसाद बना। वैसे ही एक बच्चा जिसके घर में पैसों का अभाव था, वह अपने घर के आसपास घूमता रहता और लोग इमली खाकर जो बीज फेकते उसे उठा लेता और उसे जमाकर दूसरे गांव में बेचकर आता। उसी पैसों से उसकी पढ़ाई का खर्च चलता था, बड़ा होकर वही बच्चा डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम बना। वैसे ही पेट्रोल पंप में 100 रुपये की नौकरी करने वाले बच्चे की किसी गलती से नाराज होकर मालिक ने उसे काम से निकाल दिया, बड़ा होकर वही बच्चा धीरूभाई अंबानी बनता है। तो आप सोचिये कि इनके जीवन में ऐसा क्या हुआ होगा कि इन्होंने गरीबी में बचपन गुजारा फिर भी सफलता की बुलंदियों को छू लिया। अभाव में पैदा हुए और आज इनका प्रभाव पूरी दुनिया पर है।
सोच ऊंची और बड़ी नहीं, अच्छी होनी चाहिए
साध्वीजी कहती हैं कि आसमान को देखने वाला व्यक्ति अगर पहाड़ की शिखर तक भी पहुंच जाता है, तो वह सफल हो जाता हैं। अगर कोई व्यक्ति जमीन पर चलने का लक्ष्य रखता है तो पहाड़ पर कभी चढ़ ही नहीं पाएगा। आपको हमेशा अपनी सोच ऊंची रखनी चाहिए, तब आप आसानी से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हो। अगर आप एवेरेस्ट की चोटी को सबसे ऊंचा मानो कि उससे ऊंचा कोई नहीं, तो आप गलत हो। एवेरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर की है, अगर आप उसमें चढ़ गए तो उसके शिखर की ऊंचाई खुद ही 6 फीट और बढ़ जाएगी। यह सब आपकी सोच पर निर्भर करता था। डिग्री पाने वाला व्यक्ति हमेशा अमीर नहीं बनता पर बिना डिग्री के लोग आज सफलता की चोटी पर खड़े हैं। आपको अपनी सोच बदलने की जरूरत है। घर में माता कुछ बोल दे, पिता कभी टोक दे, यदि ससुराल में सास कुछ बोल दे तो भी आपको बुरा नहीं मानना है। आपको अपने विचार में नकारात्मकता नहीं लानी है, उन्होंने जो कहा उसे भूल जाना है। ऐसा करके ही आप सकारात्मक सोच की भावनाओं को अपने अंदर विकसित कर सकते हो।
स्वर्गारोहण जयंती: 409 श्रावकों ने की बड़ी पूजा
श्री महावीर स्वामी जैन मंदिर न्यू राजेंद्र नगर में 12 सितंबर यानी सोमवार को स्वर्गारोहण जयंती मनाई गई। श्री जैन श्वेताम्बर आध्यात्मिक चातुर्मास समिति के अध्यक्ष श्रीमान विवेक डागा जी बताते है कि चौथे दादा गुरुदेव अकबर प्रतिबोधक जिनचंद्र सूरीश्वर जी म. सा. की 409वीं स्वर्गारोहण जयंती के उपलक्ष्य में 409 श्रावकों के द्वारा दादा गुरुदेव की बड़ी पूजा की गई।