रायपुर(अमर छत्तीसगढ़)। न्यू राजेंद्र नगर के मेघ-सीता भवन, महावीर स्वामी जिनालय परिसर में चल रहे चातुर्मासिक प्रवचन के दौरान गुरुवार को साध्वी स्नेहयशाश्रीजी ने कहा कि गलती हर जीव से होती है। गलती होना स्वाभाविक बात है। यह नजरिए की बात है कि आप किसी कृत्य को कौन सी नजर से देखते हो। गलती ढूंढोगे तो गलती ही मिलेगी और गुण देखोगे तो गुण ही आपके अंदर आएगा। कमल को लेने के लिए आपको कीचड़ में जाना ही पड़ेगा।
साध्वीजी कहती हैं कि पुस्तक पढ़कर आप ज्ञान प्राप्त कर सकते हो लेकिन विद्वान बनने आपको परमात्मा की शरण में ही जाना पड़ेगा। आप आज भी अपने पिता के नाम से ही जाने जाते हो। बचपन में मां बताती है कि यह पिता है तो बच्चा उन्हें पापा कहते हैं। आप अपनी माता से यह कभी नहीं पूछते कि क्या सबूत है कि मेरे पिता है। आप अपने माता पर विश्वास रखकर उनकी सभी बात मानते हो। पिता वह होता है जो आपका पालन पोषण करें, संस्कार बताएं और सही रास्ता दिखाएं। वैसे ही गुरु भगवान परमात्मा की वाणी आप तक पहुंचाते हैं। साधु ही आपको भगवान से मिला सकते हैं।
परमात्मा पर पूरा विश्वास करो, सब अच्छा होगा
साध्वीजी कहती है कि किसी के साथ ठगी करके छल कपट करके कमाया हुआ पैसा नहीं टिकता है। वह पैसा टैक्स में चला जाएगा या तो अस्पताल में निकल जाएगा। किसी से दुर्व्यवहार कर कमाएं हुए पैसे को ठिकाने लगाने आप वकील के पास जाते हो। आप चाहते हो कि इस काले धन चेक केस में फंसे हुए आपको वाह वकील निकाल सकता है। वकील पर आपको पूरा भरोसा होता है क्योंकि वह आपका पारिवारिक वकील है। आपके परिवार का सारा केस वही देखता हैं। फिर भी गारंटी नहीं होती कि वह वकील आपका केस जीतेगा कि नहीं। दुनिया में ऐसा कोई भी वकील नहीं जिसने आज तक एक भी केस नहीं हरा हो, सारे केस जीते ही हो। वैसे ही आप अपने डॉक्टर पर विश्वास करते हो। डॉक्टर से तो ज्यादा बात हो नहीं पाती, पर कंपाउंडर मरीजों से ज्यादा बात करते हैं। कंपाउंडर ही लोगों को बताते हैं कि डॉक्टर ने हाल ही में कौन से ऑपरेशन किए हैं। कई बार ऑपरेशन गलत हो जाता है तो डॉक्टर की बदनामी होती है। फिर भी लोग उस डॉक्टर के पास जाते ही हैं क्योंकि वह जानते हैं कि किसी गलती से ही ऑपरेशन में दिक्कत आई होगी। वैसे भी आप को अस्पताल में ऑपरेशन करने से पहले एक फॉर्म भरवाया जाता है। उस फॉर्म में लिखा होता है कि यदि ऑपरेशन के दौरान कुछ ऊंच-नीच हो जाए जब मरीज की जान चली जाए तो इसके जवाबदार वह परिजन होंगे जिन्होंने फॉर्म पर साइन किया है। ऑपरेशन की गारंटी नहीं होती उसके बाद भी आप विश्वास करके अपना शरीर डॉक्टर के पास सौंप देते हैं। क्योंकि आपको डॉक्टर पर पूरा विश्वास होता है।