21 साल की आयु से कर रहे हैं रक्तदान 31 साल का सफर रक्तदान का
छत्तीसगढ़ में रक्तदान के आंकड़े
अंतरराष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस विशेष
•राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़)
■ कहते हैं कि दान करने से बड़ा कोई पुण्य न का काम नहीं होता है और अगर दानरक्त का हो तो वह महादान, जीवनदान कहलाता है। रक्तदान जीवन और मृत्यु से लड़ रहे लोगों को एक नया जीवन देता है। देश में हर साल एक अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाया जाता है। हम एक ऐसी शख्सियत के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जो 31 साल से स्वयं रक्तदान कर रहे है एवं पूरे समाज को रक्तदान से जोड़ रहे है अब तक 105बार रक्तदान कर चुके हैं। उनका व नाम है रक्तमित्र फनेन्द्र जैन। वे ‘रक्तमित्र आफ इंडिया’ के नाम से अपनी पहचान बना चुके हैं। उनके इस काम के लिए राजस्थान की एक संस्था ने उन्हें रक्तमित्र आफ इंडिया का खिताब दिया है।
जिला रक्तवीर संगठन संघ के अध्यक्ष फनेन्द्र जैन में बताया 2022 में संस्था ने लगभग 60 शिविरों में 3500 यूनिट रक्तदान जिला राजनांदगांव मेकाहारा रायपुर रेडक्रास रायपुर एव विभन्न ब्लड बैंको में करवा चुके है। वे अपने साथ कई अन्य लोगों ब्लड बैंक को जोड़कर रक्तदान शिविर के जरिए रक्तदान करवाकर सिकलिंन थैलेसीमिया केंसर के मरीजो को आसानी से बिना एक्सचेंज ब्लड मुहैया करवा रहे है
इस मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं
इसलिए वे अपना उदाहरण सामने रखकर उन्हें प्रेरित करने का काम करती है। अंतरा को किया प्रेरित अंतरा बताती हैं कि जब कई संस्थाओं की ओर से सम्मानित किया वह छोटी थीं, तब उनकी मौसी को कैंसर जा चुका है। अंतरा गोवर्धन एक ऐसी जैसी गंभीर बीमारी हुई थी, तब वे इतनी शख्सियत हैं, जिन्होंने नारी शक्ति के स्तर जागरूक नहीं थीं कि रक्तदान कर सकें।
वर्ष
रक्तदान (यूनिट)
2018-19
2019-20 2.30 लाख
2.22 लाख
2020-21
2.02 लाख
2021-22 94,272
• राज्य के 500 लोग जुड़े हैं रक्तमित्र फनेन्द्र जैन से ● देशभर के 1,000 से अधिक लोग जुडे
है आर्गनाइजेशन से • 15.000 यूनिट रक्त की जरूरत पड़ती
है आंबेडकर अस्पताल में ● राज्य में हर वर्ष करीब तीन लाख यूनिट
रक्त की जरूरत
चुनौतियों में मां-बाप का मिला पूरा सहयोग
छत्तीसगढ़ के सभी प्रमुख रक्तदान संस्थाओ से जुड़े हुए है उनके इस सफर में हर कदम पर उनका साथ उनके माता-पिता ने भरपूर दिया। वे न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देश के कई अन्य प्रदेशों में भी इस मानवता के कार्य को कर रहे है 10.10.95 को ट्रेन एक्सक्सिडेंड में पिता श्री हुकुमचंद जैन का बायां हाथ ट्रेन में चढ़ते वक्त फिसलकर पटरी में आ गए ट्रेन चलने के कारण बायां हाथ कुचल गया सेक्टर 9 अस्पताल में ऑपरेशन में हाथ अलग करना पड़ा उनकी ब्लड की जरूरत तो पूरी हो गई, लेकिन उसी अस्पताल कई मरीज ब्लड के लिए भटक रहे थे,उनके लिए ब्लड का इंतजाम नहीं हो पा रहा था। इस घटना ने रक्तमित्र को अंदर से झकझोर कर रख दिया था, तभी से उन्होंने ठान लिया था कि वे खुद तो रक्तदान करेंगे ही साथ ही लोगों को इसके लिए प्रेरित करेंगे।
आज सवेक्षिक रक्तदान दिवस में रक्तदान शिविर पर फनेन्द्र जैन ओ प्लस 105 वां रक्तदान ,एबी निगेटिव 15 वां रक्तदान सीए पीयूष शर्मा जी,जन्मदिन रक्तदान हुपेश साहू ए प्लस,कोमल कुमार ए प्लस,मुकेश बाफना ए प्लस,मनोज वर्मा बी निगेटिव,बंसी साहू बी प्लस,युवराज साहू बी प्लस नरेंद्र ओ प्लस,आयर्न बेगानी ओ निगेटिव,मनीष कोठारी ओ प्लस,सूरज वर्मा ओ प्लस, विप्लव शर्मा एबी प्लस,राजेश वर्मा ओ प्लस,संजय वर्मा ओ प्लस, रोहित कुमार ओ प्लस 21 रक्तदाताओं ने सवेक्षिक रक्तदान दिवस पर रक्तदान किया
रक्तदान बनेगा जन अभियान एव जिला रक्तवीर संगठन संघ के मार्गदर्शन में लगातार राजनांदगांव जिले में रक्तदान शिविर का आयोजन हो रहा हैं एवं मरीजों को बिना एक्सचेंज आसानी से ब्लड उपलब्धता में राजनांदगांव छत्तीसगढ़ में पहला जिला बन गया हैं