पांच दिवसीय समारोह में दिखाई देंगे खेती किसानी के विविध रंग
अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के कृषि संस्थान, वैज्ञानिक, उद्यमी एवं कृषकों की होगी भागीदारी
अन्तर्राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी एवं कृषक सम्मेलन का भी होगा आयोजन
रायपुर(अमर छत्तीसगढ़), 11 अक्टूबर, 2022/ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई ‘‘एग्री कार्नीवाल 2022’’ का आयोजन 14 से 18 अक्टूबर तक किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल कार्नीवाल के दौरान 16 अक्टूबर को आयोजित वृहद कृषक सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किए जा रहे एग्री कार्नीवाल में अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के कृषि संस्थानों के निदेशकों, कृषि वैज्ञानिकों विभिन्न कृषि उत्पाद निर्माता कम्पनियों के वरिष्ठ अधिकारियों, स्टार्टअप्स उद्यमियों एवं बड़ी संख्या में प्रगतिशील कृषक शामिल होंगे। इस अवसर पर एक वृहद अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मेले सह प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। एग्री कार्नीवाल के दौरान प्रत्येक दिन कृषकों, छात्रों एवं आम नागरिकों के लिए विश्वविद्यालय के अनुसंधान प्रक्षेत्र में उगाई जा रही फसलों एवं कृषि प्रदर्शनी का भ्रमण आयोजित किया जाएगा।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा राज्य शासन के कृषि विभाग, छत्तीसगढ़ बायोटेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसायटी, अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, फिलीपींस, नाबार्ड, कंसल्टेटिव ग्रुप ऑफ इन्टरनेशनल एग्रीकल्चरल रिसर्च, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), एनएबीएल तथा अन्य संस्थाओं के सहयोग से आयोजित किए जा रहे अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई ‘‘एग्री कार्नीवाल 2022’’ का उद्घाटन समारोह 14 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के मुख्य आतिथ्य में आयोजित होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे करेंगे। एग्री कार्नीवाल का समापन समारोह 18 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा। जिसमें मुख्य अतिथि राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके होंगी। अध्यक्षता कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई के दौरान 16 अक्टूबर को आयोजित वृहद कृषक सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
कृषि उपज निर्यात बढ़ाने आयोजित होगा क्रेता-विक्रता सम्मेलन
पांच दिवसीय कृषि मड़ई के दौरान विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिनमें कृषि उपज निर्यात बढ़ाने हेतु क्रेता-विक्रता सम्मेलन, नवाचार स्टार्टअप्स एवं उद्यमिता पर कार्यशाला, लघु वनोपज के प्रसंस्करण एवं निर्यात पर संगोष्ठी, जैव विविधता संरक्षण एवं कृषक प्रजातियों के पंजीयन हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला, परीक्षण प्रयोगशालाओं की मान्यताओं हेतु एनएबीएल द्वारा प्रशिक्षण, फसल प्रजनन आधुनिकीकरण एवं डिजिटलीकरण आदि प्रमुख हैं। कृषि मड़ई में फसलों की नई किस्में, अधिक आय देने वाली वैकल्पिक फसलें, नवीन कृषि प्रौद्योगिकी, प्राकृतिक एवं जैविक कृषि, जैव उर्वरक एवं जैव कीटनाशक, पशु पालन, मछली पालन एवं चारा उत्पादन, समन्वित फसल पोषक तत्व तथा कीट एवं बीमारी प्रबंधन, मृदा उर्वरता एवं मृदा स्वास्थ्य, वर्षा जल प्रबंधन एवं भू-जल संवर्धन, संरक्षित खेती, उन्नतशील कृषि यंत्र प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन आदि के संबंध में विषय विशेषज्ञ वैज्ञानिकों द्वारा जानकारी दी जाएगी। इस दौरान कृषि आधारित स्टार्टअप्स के सफल उद्यमियों द्वारा नवीन स्टार्टअप्स स्थापित करने के इच्छुक युवाओं को मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा। अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई में लगभग 20 हजार किसानों के शामिल होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि इस पांच दिवसीय एग्री कार्नीवाल एवं अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई में प्रथम दिवस 14 अक्टूबर, 2022 को प्रातः 10 बजे से ‘‘क्रेता-विक्रेता सम्मेलन एवं कार्यशाला’’ का आयोजन किया जाएगा जिसमें एपीडा द्वारा छत्तीसगढ़ से कृषि, उद्यानिकी खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण, मापदंड एवं नियमों की जानकारी प्रदान की जाएगी। इस कार्यशाला में लगभग 500 कृषक, उद्यमी, निर्यातक एवं एपीडा के विशेषज्ञ उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में चेयरमेन एपीडा, कृषक प्रतिनिधि एवं उद्योगों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।
‘‘नवाचार, स्टार्टअप एवं उद्यमिता पर कार्यशाला’’
कार्यक्रम के द्वितीय दिवस 15 अक्टूबर, 2022 को प्रातः 09 बजे से ‘‘इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय बायोटेक्नॉलाजी विभाग का ‘‘रजत जयंती समारोह’’ का आयोजन किया जाएगा। कार्यशाला में बायोटेक्नोलॉजी के शिक्षकों, छात्रों एवं उद्यमियों के मध्य विचार-विमर्श का आयोजन भी किया जाएगा तथा बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हुए नए अनुसंधानों तथा बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में रोजगार एवं स्व-रोजगार की संभावनाओं पर गहन विचार-मंथन किया जाएगा। कार्यशाला में 125 से अधिक छात्र एवं वैज्ञानिक उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल तथा बायोटेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक उपस्थित रहेंगे। प्रातः 11 बजे से ‘‘नवाचार, स्टार्टअप एवं उद्यमिता पर कार्यशाला’’ का आयोजन किया जाएगा। कार्यशाला में युवाओं, स्नातकों एवं स्टार्टअप को नवाचार की जनकारी दी जाएगी जो स्टार्टअप एवं निवेशकों के मध्य सेतु का कार्य करेगा एवं स्टार्टअप को बैंक एवं अन्य संस्थानों से ऋण एवं निवेश उपलब्ध हेतु विचार-मंथन किया जाएगा। कार्यशाला में लगभग 400 युवा उद्यमी, स्टार्टअप तथा कृषि से जुडे़ युवा प्रगतिशील कृषक उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री कवासी लखमा एवं अन्य विशेषज्ञ उपस्थित रहेंगे।
लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं निर्यात प्रोत्साहित करने कार्यशाला भी
कार्यक्रम के तृतीय दिवस 16 अक्टूबर, 2022 को प्रातः 11 बजे से ‘‘लघु वनोपज का संग्रहण, संरक्षण प्रसंस्करण एवं निर्यात हेतु कार्यशाला‘‘ का आयोजन किया जाएगा जिसमें किसानों एवं निर्यातकों को लघु वनोपज के विपणन एवं निर्यात हेतु गुणवत्ता नियंत्रण, मानकों एवं नियमों की जानकारी प्रदान की जाएगी। कार्यशाला में 125 से अधिक लघु वनोपज के निर्यातक, एपीडा, वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में वन विभाग एवं लघु वनोपज संघ के अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
जैव-विविधता संरक्षण पर कार्यशाला
चतुर्थ दिवस 17 अक्टूबर, 2022 को प्रातः 11 बजे से ‘‘जैव विविधता संरक्षण एवं कृषकों की प्रजातियों के पंजीयन पर कार्यशाला’’ का आयोजन किया जाएगा। कार्यशाला में पी.पी.व्ही.एफ.आर.ए. भारत सरकार द्वारा कृषकों एवं आम जनता में जैव विविधता संरक्षण एवं कृषक प्रजातियों का भारत सरकार के पौध प्रजाति एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण में पंजीयन हेतु जागरूक किया जाएगा। कार्यशाला में 125 से अधिक कृषक उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर पी.पी.व्ही.एफ.आर.ए. भारत सरकार के अधिकारी एवं वैज्ञानिक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
‘‘प्रयोगशालाओं की मान्यता हेतु कार्यशाला’’
पांच दिवसीय एग्री कार्निवाल एवं अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई के अंतिम दिन 18 अक्टूबर, 2022 को प्रातः 11 बजे से ‘‘प्रयोगशालाओं की मान्यता हेतु कार्यशाला’’ का आयोजन किया जाएगा जिसमंे एन.ए.बी.एल. द्वारा छत्तीसगढ़ के शासकीय एवं निजी संस्थानों द्वारा संचालित प्रयोगशालाओं के एक्रीडीटेशन के लिए मापदंडों की जानकारी प्रदान की जाएगी। कार्यशाला में लगभग 300 शासकीय एवं निजी प्रयोगशालाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर ए.ए.बी.एल. के अधिकारीगण मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।