शिकायत नहीं समक्ष- प्रवचन नहीं प्रयोग… परम आलय जी का सानिध्य मार्गदर्शन…. हजार से ज्यादा का दे गया स्वस्थ्य प्रसन्नचित रोग मुक्त रहने का संदेश

शिकायत नहीं समक्ष- प्रवचन नहीं प्रयोग… परम आलय जी का सानिध्य मार्गदर्शन…. हजार से ज्यादा का दे गया स्वस्थ्य प्रसन्नचित रोग मुक्त रहने का संदेश

डॉ. सी.एल. जैन, सोना
रायपुर(अमर छत्तीसगढ़)। स्थानीय शंकर नगर स्थित बीटीआई मैदान में आज पांचवें दिन परम आलय जी का सैकड़ों लोगों ने सानिध्य प्राप्त कर शिकायत नहीं समक्ष प्रवचन हीं प्रयोग पर आधारित भौतिक शरीर की शक्तियों को विकसित करने का मंत्र दिया। शिविर में उपस्थित बिलासपुर के न्यायाधीश पंकज जैन ने अपने विचारों को साझा करते हुए उपस्थित जनों को कहा कंधे में असहनीय दर्द था ठीक हुआ अल्क लाईन नाश्ता रोज करता हूं शिविर का लाभ कई लोगों ने लिया है। वहीं दूसरी ओर आज इंदौर के धार जिले के सेजवानी से पधारे नए दृष्टिकोण वाले शिविर जो कि शंकर नगर बीटीआई मैदान में चल रहा है।

संस्था प्रमुख परम आलय जी ने कल मन क्या है बुद्धि भावना विवेक व भाव क्या होते है पर सारगर्भित विचार व्यक्त किये वहीं दूसरी ओर आज विचार विश्वास सपने कल्पना क्या-क्या काम है हमारे जीवन में इस पर प्रयोगात्मक ढंग से अपनी प्रस्तुति दी।
परम आलय ने आज शंकर नगर स्थित बीटीआई मैदान में सैकड़ों की संख्या में उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए विभिन्न प्रयोगों पर आधारित प्रस्तुति देते हुए कहा कि आपके भीतर प्रश्न उठ रहा होगा कि मुझे इस शिविर में क्यों भाग लेना चाहिए। परम आलय जी ने इस विशद व्याख्या के तहत कहा कि यह पृथ्वी पर एक मात्र ऐसी जगह है जहां जीवित गुरु के सानिध्य में आपके भीतर सार तत्व एवं व्यक्तित्व दोनों को एक साथ विकसित किया जाता है।

परम आलय जी ने कहा कि जब हमारे सौर मंडल में सूर्य के चक्कर लगा रही पृथ्वी की दिशा में बदलाव आता है तब नवरात्रि का उत्सव या पीरियड ऑफ ट्रांजेक्शन होता है उन्होंने प्रतिदिन नाश्ते एवं भोजन में खाने वाले हर आयटम की नोटिंग किया जाने वाला अद्भुत वैज्ञानिक प्रयोग की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि शरीर व मन की शक्तियों को जगाने के लिए साधना की सतत धारा जरुरी है हम सब अपने जीवन को शक्ति व शाली बनाना चाहते है। उन्होंने कहा कि इस पृथ्वी पर जन्म लेने के बाद हर बच्चे को बचपन से ही गाड़ी, बंगला, इंडस्ट्री, मोबाइल जैसे कई साधन इक्कठा करने की शिक्षा दी जाती है और बड़े होते-होते अपनी क्षमता अनुसार कई तरह के साधन इक्कठा कर भी लेेता है। लेकिन क्या कभी हम सब ने सोचा कि यह साधन हम किस लिए इक्कठा कर रहे है।

आलय जी ने सुविधा और साधना पर फर्क समझने की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन को शक्तिशाली बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण सूत्र है कि साधना की धारा ने टूटे जैसे गंगा गंगोत्री से निकलती है उसकी धारा सतत बहती है और सागर तक पहुंच जाती है। हमारी शक्ति पैदा करने की धारा सतत होने से धारणा की शक्ति जाग जाती है तथा धारणा से हम जो चाहे वह प्राप्त कर सकते है। कल शिविर के अंतिम दिन परम आलय जी द्वारा चेतनमन, अवचेतनमन, अचेतनमन, चेतना एवं आत्मा का हमारी जिंदगी से क्या संबंध है तथा ब्रेन में आक्सीजन के लेबल को बढ़ाने के लिए नाभी झटका प्रयोग की विस्तृत जानकारी देंगे।

शिविर के सहायतार्थ के.के. एग्रो ट्रेड वेंचर्स प्रा.लि. रायपुर के प्रमुख कैलाश बजाज ने कहा जिन्हें आवासीय शिविर में कर्म योग, ज्ञान योग एवं भक्ति योग के अनुठे संगम से रुबरु होना है तो उन्हें परम आलय जी के ईसोटेरिक टेंपल मध्यप्रदेश के इंदौर से 40 किलोमीटर दूरी पर स्थित धार जिले के ग्राम सेजवानी में स्थित है जहां आगामी वर्ष 2023 में 4 अलग अलग अवसरों पर शिविर लगेगा। विस्तृत जानकारी यहां दी जा रही है। शिविर में क्षेत्र के विधायक बलवीर जुनेजा सहित बड़ी संख्या में शासकीय अधिकारी कर्मचारी भी उपस्थित रहे। वहीं नियमित रुप से पूर्व महापौर डॉ. किरणमयी नायक अपनी सेवाएं दे रही है। संस्था से जुड़े लोग सुबह नाश्ते की सेवाओं के साथ ही विभिन्न व्यवस्थाओं में भी अपनी पूरी भागीदारी नियमित रुप से प्रस्तुत कर रही है। उपस्थित जनों को सुबह रसीला एवं स्वास्थ्य से भरपूर 15 आयटम वाला लग्जूरियस एल्कलाइन नाश्ता दिया जा रहा है। वहीं दूसरी शिविर का लाभ लेने वाले भी अपने अनुभव को साझा कर रहे है तथा संस्था के मध्यप्रदेश के ग्राम सेजवानी में स्थित वर्ष में 4 बार आयोजित आवासीय शिविर में भाग लेने अपनी सहमति दे रहे है। इस अवसर पर परम आलय जी की 5 पुस्तकों का संग्रह भी शिविर स्थल पर उपलब्ध है। पत्रकार सी.एल. जैन सोना ने भी सपत्नीक भाग ले रहे है तथा सभी समुदाय व वर्ग के लोग भी शिविर का लाभ ले रहे है।

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