रायपुर(अमर छत्तीसगढ़) राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके की अध्यक्षता में आज राजभवन के कॉन्फ्रेंस हॉल में विश्वविद्यालय समन्वय समिति की 27वीं बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल सहित समन्वय समिति के सदस्य उपस्थित थे। बैठक में राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता ब?ाने, विद्यार्थियों को आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग के अनुसार काबिल बनाने और रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम तैयार किये जाने आदि के संबंध में सार्थक चर्चा की गई और कुछ महत्वपूर्ण निर्णय पारित किए गए।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बनाने के लिए सभी महाविद्यालयों का नैक के जरिए मूल्यांकन किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अध्ययन के दौरान कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने के लिए भी एक प्रकोष्ठ बनाया जाना चाहिए, जिससे वे अपनी क्षमता के अनुरूप विषयों का चयन कर रोजगार प्राप्त कर सके। साथ ही सभी महाविद्यालयों में प्लेसमेंट सेल भी गठित किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 को राज्य में लागू करने की दिशा में शीघ्र प्रयास किये जाएं। उन्होंने विश्वविद्यालयों से इस संबंध में पाठयक्रम बनाने के निर्देश दिए, ताकि अगले शैक्षणिक सत्र से यह लागू किया जा सके। उन्होंने सभी कुलपतियों को महाविद्यालयों का नियमित निरीक्षण करने के लिए कहा और विश्वविद्यालय की गतिविधियों के संबंध में त्रैमासिक रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप विद्यार्थियों को नैतिक शिक्षा का ज्ञान भी दिया जाना चाहिए, जो कि एक मजबूत राष्ट्र का आधारस्तंभ होता है।
उन्होंने कहा कि कोविडकाल के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन और प्राध्यापकगण सभी को विद्यार्थियों के साथ संवेदनापूर्ण तरीके से व्यवहार करना चाहिए। हर विश्वविद्यालय अपने यहां एक मनोचिकित्सकों की टीम की व्यवस्था करें, जिसके माध्यम से कोविडकाल में विद्यार्थियों की मानसिक परेशानियों को दूर करने के लिए काउंसिलिंग करें। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को गांव में जाकर गर्भवती माताओं और बच्चों में कुपोषण रोकने के संबंध में भी जागरूकता लानी चाहिए।