अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस, काफी दिवस, राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस, पितृ पक्ष की दशमी पर ऑनलाइन कार्यक्रम संपन्न

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस, काफी दिवस, राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस, पितृ पक्ष की दशमी पर ऑनलाइन कार्यक्रम संपन्न

बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ) अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा अंतराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस, अंतराष्ट्रीय काफी दिवस, राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस, पितृ पक्ष की दशमी पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम। कार्यक्रम की शुरुआत संचालिका डॉ अनीता अग्रवाल ने गणेश वंदना से की। उन्होंने मुख्य अतिथि डॉ निर्मल अग्रवाल एक्स रजिस्ट्रार सुंदरलाल विश्व विद्यालय , विशिष्ट अतिथि केशव बंसल रक्तवीर समाज सेवक का डिजिटल पुष्प गुच्छ स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया।उनका संक्षिप्त जीवन परिचय दे क्रमशः उनके उद्बोधन के लिए डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया। उन्होंने वृद्ध हमारी धरोहर पर कविता सुना आह्वान किया की हम जिस प्रकार हमारे बचपन में हमारे माता पिता ख्याल रख हर छोटी छोटी जरूरत पूरी करते थे वैसे ही हम जब बड़े और सक्षम हो उनका ख्याल रखेंगे।


अतिथियों का स्वागत हेमलता मित्तल ने स्वागत गीत द्वारा किया । मुख्य अतिथि मुख्य वक्ता डॉ निर्मल अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में बताया अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध जन दिवस मनाने का मुख्य उद्देश उम्रदराज लोगों के साथ होने वाले भेदभाव, अपमानजनक व्यवहार को खत्म करना है। उन्होंने बताया बचपन से ही हमें घर में शिक्षा दी जाती है कि हमें अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए. वरिष्ठजन हमारे घर की नींव होते हैं. बुजुर्गों का आशीर्वाद बहुत भाग्य वालों को मिलता है, इसलिए सभी को अपने से बड़ों और वरिष्ठजनों का सम्मान करना चाहिए।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि केशव बंसल रक्तवीर समाज सेवी ने अंतराष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के बारे में अपने उद्बोधन में बताया रक्‍त का मनुष्‍य के जीवन में बहुत महत्‍व है। सड़क दुर्घटना, महिलाओं की समस्‍या, गंभीर बीमारी में खून की जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक से अधिक लोगो को जागरूक किया जाता है। अक्‍सर लोगों के मन में रक्‍तदान को लेकर कई तरह की भ्रांतियां है। जिससे भी कई बार जरूरतमंदों को सही समय पर रक्‍त नहीं मिल पाता है अत: जीवन में रक्‍त की आवश्‍यकता और उसके महत्‍व को समझाना ही अभिप्राय है।


कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि रंजना गर्ग गुजरात से ने राष्ट्रीय कॉफी दिवस पर अपने उद्बोधन में बताया कॉफी दुनिया भर में करोड़ों लोगों की सबसे ज्यादा पसंदीदा ड्रिंक्स में से एक है. अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस पर इन श्रमिकों और कॉफी उद्योग से जुड़े लोगों की कड़ी मेहनत और प्रयासों को पहचान उनका सान करना होता है। कार्यक्रम में सुलोचना धनावत ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया बुजुर्ग उस वृक्ष की तरह होते हैं जो फल भले न दे पर छाया हमेशा देते हैं ।इसलिए इन्हें हमेशा प्यार देना चाहिए।


उपाध्यक्ष प्रेमलता गोयल ने आज का इतिहास बताया 1 अक्टूबर 1854 भारत में डाक टिकट का प्रचलन आरंभ हुआ । टिकट पर महारानी विक्टोरिया का सिर और भारत बना होता था। इसकी कीमत आधा आना 1/ 32 थी । 1 अक्टूबर 1953 को आंध्र प्रदेश अलग राज्य बना है 1967 भारतीय पर्यटन विकास निगम की स्थापना हुई। 1978 में शादी के लिए कानून बना लड़कियों की उम्र 14 से बढ़ाकर 18 और लड़कों की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष किया गया । सन् 2000 में एशियाई खेलों स्नूकर स्पर्धा में भारत को पहला स्वर्ण पदक मिला । कार्यक्रम का संचालन उमा बंसल महासचिव ने विश्व कल्याण की भावना से कार्यक्रम का शांति पाठ द्वारा विधिवत समापन किया गया।


कार्यक्रम में सरला लोहिया, उषा कलानौरिया, वंदना अग्रवाल, सरिता अग्रवाल, सुनीता अग्रवाल, रंजना, राजबाला गर्ग, पूनम गोयल, रेखा गर्ग, नीलिमा गोयल, डिंपल अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, हेमलता, मधु अग्रवाल, मंजू गोयल, कुसुम अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, गिरिजा अग्रवाल, सिया अग्रवाल, सीमा गुप्ता ने अपनी अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुत कर कार्यक्रम को सफल बनाया।

Chhattisgarh