बूढ़ा सागर सौंदर्यीकरण साढ़े सत्रह करोड़ का निर्माण भ्रष्टाचार में डूबा : कुलबीर

बूढ़ा सागर सौंदर्यीकरण साढ़े सत्रह करोड़ का निर्माण भ्रष्टाचार में डूबा : कुलबीर


पूर्व महापौर जिम्मेदार, दस्तावेजों की नस्तियां गायब, कलश विसर्जन कुंड का पता नहीं
राजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ़ 16 जनवरी। नगर पालिक निगम में साढ़े सत्रह करोड़ की लागत से बूढ़ा सागर सौंदर्यीकरण के नाम पर भ्रष्टाचार को लेकर गत वर्ष अगस्त 2022 में नगर निगम के सामान्य सभा की बैठक में कांग्रेस एवं भाजपा के महापौर निगम अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष व दोनों पार्टी के पार्षदों ने मुहर लगाते हुए प्रस्ताव पारित किया था कि इससे जुड़े जिम्मेदार अधिकारियों, कार्यपालन अभियंता, सहायक अभियंता, उप अभियंता व अन्य विरुद्ध शीघ्र ही एफआईआर कराया जावे लेकिन 4 माह बाद भी आज एफआईआर कराने के नाम पर नेता प्रतिपक्ष निगम व कुछ पार्षदों का धरना व बयानबाजी होती रही। वार्ड पार्षद शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा अपनी सरकार के 4 वर्ष का कार्यकाल पूण करने के बाद चुनावी वर्ष के प्रारंभ होते ही साढ़े सत्रह करोड़ के भ्रष्टाचार में डुबे बूढ़ा सागर सौंदयीकरण को लेकर आज प्रेस क्लब में अकेले ही पत्रकारों से रुबरु हुए उन्होंने पूर्व महापौर मधुसूदन यादव के विरुद्ध कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्रीय विधायक पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी कार्य का अवलोकन कभी नहीं किया।
श्री छाबड़ा ने आज पत्रकारों के समक्ष कहा कि साढ़े सत्रह करोड़ के बूढ़ा सागर सौंदर्यीकरण का कार्य उनके ही निर्वाचन वार्ड में आता है लेकिन उन्हें कभी भी पूर्व महापौर मधुसूदन यादव एवं तात्कालीन निगम आयुक्तों ने कभी नहीं पूछा। शहर कांग्रेस अध्यक्ष श्री छाबड़ा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शीतला मंदिर के पास ज्योति कलश विर्सजन हेतु कुंड निर्माण के लिए 4 लाख रुपए पार्षद निधि से कुंड निर्माण हेतु आवश्यक प्रस्ताव व दस्तावेजों के साथ प्राकलन की तकनीकी प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृत हेतु पत्रक भी विभाग के कार्यपालन अभियंता को नवंबर 2015 में ही प्रस्तुत कर दिया था। राशि तो वह निगम से निकल गई लेकिन कुंड निर्माण का पता नहीं।
यह भी उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने है राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र के लिए कांग्रेस के कुलबीर छाबड़ा एवं भाजपा के पूर्व महापौर मधुसूदन यादव का नाम उनकी ही पार्टी के कुछ लोग चर्चाओं में स्वीकार कर रहे है। डॉ.रमन सिंह के चुनाव नहीं लडऩे की चर्चा को लेकर उनकी पार्टी में चर्चाओं में संसय की स्थिति देखी जा रही है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष व वार्ड पार्षद कुलबीर छाबड़ा 4 वर्ष से जिनकी सरकार सत्ता में है नगर निगम में बूढ़ा सागर सौंदर्यीकरण का कार्य हेतु साढ़े सत्रह करोड़ की स्वीकृति डॉ. रमन ने दी थी जिसमें बूढ़ा सागर को अहमदाबाद पेटर्न की तर्ज पर बनना था गत वर्ष अगस्त 2022 में इस राशि को लेकर आरोप प्रत्यारोप के साथ कांग्रेस एवं भाजपा दोनों ने ही साढ़े सत्रह करोड़ में भ्रष्टाचार की सहमति को लेकर प्रस्ताव पारित किया है कि विभाग के कार्यपालन अभियंता एवं जिम्मेदारों के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज कराई जावे। निगम आयुक्त आशुतोष चतुर्वेदी ने परीक्षण के बाद एफआईआर की बात कही थी निगम के पूर्व पार्षद वरिष्ठ कांग्रेस नेता हेमंत ओसवाल इस मामले को प्रारंभ से ही उठाते रहे है। चुनावी वर्ष होने की वजह से नगर निगम में पिछले 15 वर्षों में कथित तौर पर व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर अब कांग्रेस-भाजपा आमने सामने दिख रही है।
श्री छाबड़ा ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए पूर्व महापौर मधुसूदन यादव के विरुद्ध दस्तावेजी प्रमाणों की बात भी कही। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी नगर निगम में भ्रष्टाचार से जुड़ी फाइलें मूल नस्तियां गायब दिख रही है। उनके पास कुछ फाइलों के छाया प्रतियां भी रखी हुई है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की जांच के लिए निगम आयुक्त को पत्र देने के साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी संपूर्ण मामले की जानकारी दी गई है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि साढ़े सत्रह करोड़ के भ्र्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के लेकर नगर निगम में कांग्रेस की महापौर हेमा देशमुख ने गड़बड़ी को लेकर प्रस्ताव तो पारित कराया है एफआईआई की बात भी कही है लेकिन पिछले 5 माह में इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। नगर निगम के जानकार सूत्रों के अनुसार साढ़े सत्रह करोड़ के बूढ़ा सागर सौंदर्यीकरण के मामले में प्रारंभ से अब तक वर्तमान सहित 3 निगम आयुक्त एवं भाजपा कांग्रेस के महापौर का कार्यकाल रहा है। चुनावी वर्ष है कुलबीर एवं मधुसूदन यादव दोनों ही टिकिट की दौड़ में है आरोप-प्रत्यारोप का परिणाम ही मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है। यह चर्चा आम प्रत्यक्ष व परोक्ष से दिख रही है। स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश पहले ही दे चुके है।

Chhattisgarh