जीवन में आप बहुत बड़ा काम करो न करो परंतु अपने आत्मसम्मान को हमेशा जीवित रखो – लेखिका डॉ. कीर्ति सिसोदिया

जीवन में आप बहुत बड़ा काम करो न करो परंतु अपने आत्मसम्मान को हमेशा जीवित रखो – लेखिका डॉ. कीर्ति सिसोदिया

रायपुर (अमर छत्तीसगढ़)अभिव्यक्ति मात्र नहीं है बल्कि डॉक्टर कीर्ति ने  इसमें अपनी यात्राओं, संघर्ष, उपलब्धियां, खुशी के छोटे-बड़े अवसरों को संवेदना के साथ प्रस्तुत किया है, जो किसी भी बच्चे को अपनी मां के जीवन से परिचय कराने में सक्षम है। साथ ही इस किताब में भारतीय संस्कृति, बेहतर इंसान बनने की प्रक्रिया में अभिभावकों से मिली सीख का महत्व, आत्ममंथन, आत्म अनुशासन, खुद की क्षमताओं को पहचानना, कृतज्ञता, जीवन की सकारात्मक अभिरुचि सहित कई पहलुओं पर अपने विचार लेखक ने साझा किए है।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छोटे बच्चों के मन में अंकुरित होने वाले विचारों, उनके भावनाओं और विश्वासों को समझने के लिए बेहतर परिवेश की आवश्कता होती है। बच्चों के पालन पोषण में कई बार हम उन छोटी-छोटी बातों को भी भूल जाते हैं जो संभवतः बच्चों के परवरिश में बहुत महत्पवूर्ण होते हैं। साथ ही इस किताब की सफलता कि लिए उन्होंने लेखिका को शुभकामनाएं दीं।

लेखिका डॉ. कीर्ति सिसोदिया ने कहा कि हर माता-पिता और बच्चों का संबंध विशेष होता है। उन्होंने माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद को उनके रिश्तों की प्रगाढ़ता के लिए आवश्यक बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें बच्चों को इतना यकीन दिलाना होगा ताकि वे अपनी मन की बात हमें बेखौफ और खुलकर बता सकें। बच्चों को यह बात हमें अवश्य समझानी चाहिए कि जीवन में आप बहुत बड़ा काम करो न करो परंतु आप अपने आत्मसम्मान को हमेशा जीवित रखो। शिक्षाविद् जवाहर सुरी शेट्टी ने भी किताब के महत्वपूर्ण बातों को रेखांकित करते हुए कहा कि बच्चों के बेहतर जीवन के लिए यह पुस्तक अच्छा संदेश देती है।

इस अवसर पर श्रीमती वीणा सिंह, अभिषेक सिंह, श्रीमती ऐश्वर्या सिंह, हिमांशु द्विवेदी एवं डॉ विक्रम सिसोदिया उपस्थित थे।

Chhattisgarh