परीक्षा को बनाएं खुद की इच्छा , सफलता कदम चूमेगी
बच्चों ने मोबाईल फास्टिंग की ली शपथ
बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ़) जैन संवेदना ट्रस्ट द्वारा परीक्षा विशेष पर कार्यशाला का आयोजन कृष्णा नगर संतोषी नगर स्थित वर्धमान दी स्कूल में किया गया । अध्यक्ष महेन्द्र कोचर ने बताया कि कोरोना की वजह से बच्चों ने दो वर्ष ऑन लाईन परीक्षा दी थी , जिससे बच्चों में कॉन्फिडेंस की कमी हो गई थी । पालकों द्वारा बच्चों के लिए मोटिवेशनल कार्यशाला की आवश्यकता महसूस की जा रही थी । जैन संवेदना ट्रस्ट द्वारा बच्चों के लिए परीक्षा को बनाएं खुद की इच्छा , सफलता कदम चूमेगी कार्यशाला की शृंखला आरम्भ की गई है ।
प्रथम कार्यशाला में प्रसिद्ध शिक्षाविद विजय चोपड़ा ने बच्चों से बच्चों की बात करते हुए परीक्षा के लिए 5 बिंदुओं का मन्त्र दिया । अपनी बात आरम्भ करते हुए विजय चोपड़ा ने कहा कि बोर्ड या अन्य किसी भी परीक्षा को हव्वा ना बनाएं , बल्कि उस पर हावी होकर परीक्षा की तैयारी में जुट जावें । परीक्षा पर हावी होने के लिए लगन , मेहनत , अनुशासन, आत्मविश्वास और एकाग्रता का होना जरूरी है । मोटिवेशनल स्पीकर विजय चोपड़ा ने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि किसी भी सफलता के लिये लक्ष्य निर्धारित करना होता है , और लक्ष्य भी ऊँचे से ऊँचा होना चाहिये उन्होंने बच्चों से पूछा कि कौन कौन 90 प्रतिशत से अधिक अंकों का लक्ष्य लेकर पढ़ाई कर रहे हैं कौन 80 , 70 या प्रथम द्वितीय श्रेणी का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं ।
उन्होंने बच्चों को मोटिवेट करते हुए तय लक्ष्य को और बढ़ाकर तय करवाया । चोपड़ा ने कहा कि परिश्रम के बिना अच्छे परिणाम सम्भव नही है , सफलता का कोई शार्ट कट नही होता । परीक्षा में सफलता के लिए पढ़ाई का टाईम टेबल सेट करें , प्रतिदिन पढ़ाई के घण्टे तय करें । बीच बीच में ब्रेक लेकर रिफ्रेश होंवे । ब्रेक में मनपसंद कार्य करें गेम , म्यूजिक या इनडोर गेम खेलें लेकिन थकान हो ऐसी गतिविधियों से दूर रहें । फिर पढ़ाई में मनोयोग से जुट जावें । चोपड़ा ने बच्चों को बताया कि पढ़ाई के साथ अच्छी नींद व सही खुराक भी जरूरी है । स्वस्थ तन व मन भी सफलता के लिए सहायक होता है ।
परीक्षा हॉल में सर्वप्रथम प्रश्नपत्र को पूरे ध्यान से पढ़ें । प्रश्नपत्र को पढ़कर उत्तर लिखने का क्रम तय करें । मोटिवेशनल स्पीकर विजय चोपड़ा ने सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषय उठाते हुए जानना चाहा कि बच्चे मोबाईल का उपयोग प्रतिदिन कितनी देर करते हैं । मोबाईल फास्टिंग का महत्व समझाते हुए सभी बच्चों को मोबाईल उपयोग के समय में कटौती करने की शपथ दिलाई । कार्यशाला में प्राचार्या कामिनी लांजे ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यदि आप तिमाही छमाही के असफल होते हैं तो सभी बच्चे उसी कक्षा में रहते हैं लेकिन अब वार्षिक परीक्षा का समय है और असफलता का मतलब फिर साल भर उसी कक्षा में पढ़ना होगा और सफलता आपको एक कदम आगे बढ़ा देगी । यह बहुत महत्वपूर्ण है , इसलिए पूरे अनुशासन , लगन , एकाग्रता से परिश्रम करें , परीक्षा को बनाएं खुद की इच्छा फिर सफलता कदम चूमेगी ।