आचार्य मणिप्रभसागर सुरिश्वर जी एवं साधु भगवन्त श्री मलयप्रभ का बिलासपुर सकल जैन समाज ने की अगवानी …..बिना लक्ष्य के की गई मेहनत व्यर्थ – आचार्यश्री मणिप्रभसागर जी

आचार्य मणिप्रभसागर सुरिश्वर जी एवं साधु भगवन्त श्री मलयप्रभ का बिलासपुर सकल जैन समाज ने की अगवानी …..बिना लक्ष्य के की गई मेहनत व्यर्थ – आचार्यश्री मणिप्रभसागर जी

बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ़) परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य मणिप्रभसागर सुरिश्वर जी म• सा•, पूज्य साधु भगवन्त श्री मलयप्रभ जी म सा का आज सुबह बिलासपुर प्रवेश पर भव्य अगवानी एवं शोभायात्रा निकाली गई । जिसमें सकल जैन समाज के श्रावक श्राविका बड़ी संख्या में उपस्थित रहे । आचार्य श्री 3 दिन पूर्व कोरबा से पैदल विहार कर बलोदा, एनटीपीसी होकर आज बिलासपुर पहुंचे जहां समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में पहुंच कर अगवानी की । आचार्यश्री का आगे बिलासपुर से विहार कर भाटापारा, धमतरी, जगदलपुर होते हुए तमिलनाडु जाने की सम्भावना है।

पूज्य गुरुदेव का विहार सुबह 4:30 से मटियारी गांव से प्रारंभ हुआ, समाज के कई सदस्य गुरुदेव की अगुवाई के लिए प्रातः काल उनके पास पहुंचे वहां से मोपका, राजकिशोर नगर होते हुए टिकरापारा क्षेत्र स्थित गुजराती जैन दशाश्रीमाली स्थानकवासी जैन संघ के उपासरे में पगलिया कर एवं मांगलिक सभी को गुरुदेव के द्वारा सुनाया गया। उसके पश्चात संघ के अध्यक्ष भगवान दास सुतारिया के घर में मांगलिक सुनाया गया । फिर विहार करके तेलीपारा निवासी श्रीमती प्रमिला चोपड़ा के निवास गए, वहां से विहार कर अनोपचंद त्रिलोकचंद ज्वेलर्स में मुकेश बाठिया एवं परिवार के द्वारा गुरुदेव के नवकारसी का लाभ लिया ।


गुरुदेव का आगमन जुलूस लिंक रोड से गाजे-बाजे के साथ हर्षोल्लास के साथ जयकारों के नारे लगाते हुए एवं धूमधाम से गरबा नृत्य करते हुए नेहरू नगर स्थित विमल चोपड़ा के निवास स्थान पर पहुंचे। जहां उनका भव्य स्वागत किया गया ।

आचार्य श्री के शहर प्रवेश करते ही समाज के कई श्रावको के यहां पगलिया किया । शोभा यात्रा के दौरान पुरुष वर्ग से स्वस्थ एवं महिलाओं ने केसरिया साड़ी धारण की हुई थी । शोभा यात्रा में शामिल सभी श्रावक श्राविका के नवकारसी की व्यवस्था श्री जैन श्वेतांबर श्री संघ के संरक्षक विमल चोपड़ा एवं परिवार के द्वारा की गई थी ।

प्रवचन …..बिना लक्ष्य के की गई मेहनत व्यर्थ – आचार्य श्री मणिप्रभसागर जी
गुरुदेव का आगमन होने पश्चात गुरुदेव के द्वारा जैन आगम से संबंधित ज्ञान का पठन किया गया एवं अपने प्रवचन में उन्होंने बताया के मनुष्य को अपने लक्ष्य को हमेशा बना कर चलना चाहिए बिना लक्ष्य के की गई मेहनत व्यर्थ जाती है इसी कड़ी में आगे फरमाया कि मनुष्य सांसारिक सुख कृष्णा वैभव और लग्जरियस जीवन जीने के भाग दौड़ में अपना पूरा जीवन व्यर्थ कर देता है और जब आखरी समय आता है तब वह अफसोस करता है की संपूर्ण जीवन मैंने लोभ के कारण व्यर्थ ही गवा दिया आप अपनी आत्मा की पूंजी रूपी धर्म – अध्यात्म से वंचित रह गया। क्योंकि जीवन समाप्त होने के पश्चात किया हुआ धर्म – अध्यात्म ही असली पूंजी के रूप में साथ में जाएगी बाकी धन-दौलत, संपत्ति आदि सब यही का यही धरा रहेगा

इस अवसर पर गुजराती जैन समाज के अध्यक्ष भगवानदास सुतारिया, तेरापंथ समाज के अध्यक्ष सुरेंद्र मालू, शैलेश तेजाणी, इंदर चंद बैद, नरेंद्र मेहता, सुभाष श्रीश्रीमाल, कीर्ति गांधी, कीर्ति सुतारिया, कृष्ण कुमार वेलाणी, गौतम वेलाणी, संजीव चोपड़ा, रूपेश गोलछा, संजय छाजेड़, चंद्रप्रकाश बोथरा, विनोद लुनिया, गोपाल वेलाणी, राजू तेजाणी, मनीष शाह, अमित मेहता, संगीता चोपड़ा, पूर्णिमा सुराणा, राखी डाकलिया, किरण चोपड़ा, सोनल सहित बिलासपुर, कोरबा, भाटापारा के श्रावक श्राविका भी उपस्थित थे ।

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