रायपुर(अमर छत्तीसगढ़) । इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी मिशन 2023 के लिए भाजपा कमर कसते दिख रही है। दिल्ली आलाकमान के बुलावे पर प्रदेश भाजपा के कई दिग्गज नेता दिल्ली दौरे होना बताए गए, वैसे भी प्रदेश प्रभारी ओम माथुर जिन्होंने देश के कई प्रदेशों में भाजपा को सरकार बनाने की दिशा में पहल की है। बताया जाता है कि हाई कमान के बुलावे पर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और प्रदेश महामंत्री पवन साय दिल्ली पहुंचे थे। सूत्र के मुताबिक गृहमंत्री अमित शाह, और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ करीब एक घंटे बैठक हुई। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी ओम माथूर, सहप्रभारी नितिन नवीन भी शामिल हुए।
जानकारी के अनुसार प्रदेश संगठन में बदलाव समेत अन्य सामयिक मुद्दों पर चर्चा हुई। नड्डा ने कोर ग्रुप के पुनर्गठन को लगभग तैयार कर दिया है। इसकी घोषणा जल्द कर दी जाएगी ।कोर ग्रुप में स्थान न पाने वाले नेताओं को टिकट तय करने वाली चुनाव समिति, चुनाव अभियान समिति , संकल्प पत्र समिति में शामिल किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार बैठक में कवर्धा, नारायणपुर,बिरनपुर हिंसा और राजनीतिक स्थिति भी चर्चा की गई। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत राजनांदगांव, कवर्धा, पंडरिया सहित 8 विधानसभा क्षेत्र है जिसमें 7 विधानसभा क्षेत्रों सत्ता पक्ष कांग्रेस के विधायक है वहीं एक मात्र भाजपा के विधायक डॉ. रमन सिंह राजनांदगांव विधानसभा में विधायक है। जानकारी के अनुसार यह तय किया गया कि धर्मांतरण के मामलों के सामने आने पर और अधिक आक्रामक रूख अपनाया जाए। इसी तरह से तेंदूपत्ता खरीदी नीति को लेकर भी चर्चा हुई। यह भी बताया गया है कि कर्नाटक चुनाव के तुरंत बाद पीएम मोदी समेत केंद्रीय मंत्रियों और संगठन के बड़े नेताओं के दौरे होंगे। मोदी का 12-15 मई के बीच भिलाई और जांजगीर का दौरा प्रस्तावित है। बारिश के पहले पार्टी ग्राउंड वर्क पूरा कर लेने के रोड मैप पर काम कर रही।
चर्चा तो यह भी हो रही है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को विशेष कर पिछड़ा वर्ग होने की वजह से बैस की राजनीति में वापसी की चर्चा भी हो रही है। इन तीनों को ऐसे समय अकस्मात् दिल्ली बुलाया गया जब तीन-चार दिन पूर्व महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस की पीएम मोदी से मुलाकात हुई थी। बैस की प्रदेश की राजनीति में वापसी की खबरें भी चल रहीं हैं। उन्हें, सीएम बघेल के मुकाबले कुर्मी चेहरा माना जा रहा है। बैस की सक्रिय राजनीति में वापसी के लिए आरएसएस का भी दबाव बढ़ रहा है। हर बार रिकार्ड वोटो से जीत दर्ज करने वाले आठ बार के सांसद हैं बैस। उन्होंने, एक संसदीय चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बड़े मतों के अंतर से पराजित किया था। बैस या बैस परिवार संघ की पहली पसंद भी हैं। संकेत है कि महाराष्ट्र में नया राज्यपाल नियुक्त कर बैस को प्रदेश में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। बैस की पिछले सप्ताह दिल्ली आकर पीएम मोदी से हुई मुलाकात को इसी नजरिए से देखा जा रहा है। बैस 4 मई को रायपुर आ रहे हैं । उनके गृह ग्राम गोढ़ी में पारिवारिक आयोजन है। इस दौरान वे 3-4 यहां रहेंगे। जानकारी के अनुसार भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर पूरी तरह से छत्तीसगढ़ में सक्रिय है तथा विधानसभा चुनाव में जीत सकने वाले उम्मीद्वारों को लेकर काफी समीक्षा कर रहे है। सेवा निवृत्त आईएएस ओ.पी. चौधरी की महत्वपूर्ण भूमिका भी बताई जा रही है। जो कि सीधे तौर पर भाजपा हाईकमान से भी चर्चाओं का आदान-प्रदान कर लेते है।