राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 29 अप्रैल 2023। मुख्य न्यायाधिपति छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने कहा कि सभी लोगों के संयुक्त प्रयासों से एक बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है। जिसका उदाहरण छत्तीसगढ़ में आयोजित लोक अदालतों के पूर्व के आंकड़ों का अवलोकन करने से प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में लोक अदालतों के परिणाम की अपेक्षा छत्तीसगढ़ में लोक अदालतों का परिणाम ज्यादा अच्छा और सराहनीय रहा है। जिससे यह प्रतीत हुआ है कि लोक अदालत के आयोजन का उद्देश्य पूरा हुआ है।
लोक अदालत की सफलता में सभी का सहयोग प्राप्त है और इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए सभी का योगदान जरूरी भी है। जिससे अच्छे परिणाम आ सकें। उक्त बातें मुख्य न्यायाधिपति छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायमूर्ति श्री रमेश सिन्हा ने विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में कही। इस दौरान नेशनल लोक अदालत के संबंध में चर्चा के लिए समस्त जिला न्यायाधीश, फैमिली कोर्ट जज, जिलों के न्यायिक अधिकारियों, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, बैंक, बीमा के अधिकारियों, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, आयुक्त नगर पालिक निगम जुड़े रहे।
उन्होंने कहा कि मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों, ट्रैफिक चालान, कमर्शियल कोर्ट, चेक बाउंस, वैवाहिक विवाद के मामलों का लोक अदालतों मेें निराकरण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। छोटे-मोटे विवादों का लोक अदालतों के माध्यम से निराकरण हो जाने पर न्यायालय पर ऐसे छोटे मामलों का भार कम होता है और न्यायालय को संगीन मामलों के शीघ्र निराकरण पर विचार करने में सुगमता होती है। उन्होंने वर्चुअल बैठक में उपस्थित जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों से अपेक्षा की कि वे अपने-अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक प्रकरणों के निपटारे का प्रयास करें और इसके कार्यान्वयन में यदि कोई समस्या आती है, तो सालसा के सदस्य सचिव से सम्पर्क करें।
वर्चुअल मीटिंग को न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी द्वारा संबोधित किया गया। उन्होंने कहा कि न्यायालयों में छोटे-मोटे प्रकरण काफी संख्या में लंबित है और उनके पक्षकार परेशान होते रहते हैं। ट्रैफिक चालान, भूमि अधिग्रहण, विद्युत बिल, नगरपालिका के टैक्स, जल देयक, श्रम विवाद, भाड़ा नियंत्रण, राजस्व न्यायालयों के प्रकरणों को अधिक से अधिक संख्या में निराकृत कर उनके पक्षकारों को राहत दिलायी जा सकती है। उन्होंने जिले के पुलिस अधीक्षकों से अपेक्षा की कि नेशनल लोक अदालत में चिन्हांकित किए जाने वाले प्रकरणों के पक्षकारों को उचित समय पर पूर्व नोटिस तामिल करायी जा सके।
इसके संबंध में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराएं ताकि पक्षकार अपने मामलों के संबंध में न्यायालयों में उपस्थित रह सके। उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों से अपेक्षा करते हुए कहा कि नेशनल लोक अदालत का आयोजन हाईब्रिड माध्यम से किया जा रहा है। इसलिए ऐसा कोई पक्षकार जो वर्चुअल माध्यम से मामले में उपिस्थत होना चाहता है, तो उसकी उपस्थिति के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। उन्होंने लोगों को उनके घर तक न्याय की पहुंच उपलब्ध सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से विगत नेशनल लोक अदालत में जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों के निराकरण के लिए आयोजित की गई। मोहल्ला लोक अदालत की सफलता की सराहना करते हुए कहा कि आगामी नेशनल लोक अदालत में भी जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों के पक्षकारों को उनकी छोटी-मोटी जनोपयोगी समस्याओं से निजात दिलाने का प्रयास करें।
उन्होनें कहा कि जिस गति से लोगों अदालतों के सफलता का प्रयास चल रहा है, वह धीमा नहीं होना चाहिए।
वर्चुअल बैठक में उपस्थित न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति बिलासपुर के न्यायमूर्ति श्री एसएस अग्रवाल ने कहा गया कि लोक अदालतों में अधिक से अधिक प्रकरण चिन्हंाकित किया जाना ही उद्देश्य नहीं होना चाहिए, बल्कि यह प्रयास होना चाहिए कि चिन्हंाकित किए गए प्रकरणों का अच्छी तरह अध्ययन किया जाए। ताकि पक्षकारों को प्रकरण के बारे में अच्छे से समझाया जा सके। उन्होंने व्यक्त किया कि मोटर दुर्घटना मुआवजा संबंधी मामलों में अब बीमा कंपनियों भी आगे आकर पीडि़त पक्ष से राजीनामा करने का प्रयास करती है। इसलिए इस दिशा में प्रयास आवश्यक है। यह खुशी कि बात है कि मुख्य न्यायाधिपति द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में लोक अदालतों के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण की सराहना की गई है। हमें आगे भी लोक अदालतों के आयोजन के उद्देश्यों को पूरा करने में ऐसे ही प्रयास करते रहने की आवश्यकता है।
विडियो कान्फ्रेंसिंग में परिचर्चा के दौरान सालसा के सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल उपस्थित रहे। ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार पूरे देश में कलैण्डर वर्ष 2023 में दूसरी नेशनल लोक अदालत का आयोजन सभी स्तरों अर्थात तहसील न्यायालय से लेकर उच्चतम न्यायालय स्तर पर 13 मई 2023 को आयोजित किया जाएगा।