राजनांदगांव/दुर्ग(अमर छत्तीसगढ़)। औद्योगिक क्षेत्र रमसड़ा, टेडेसरा सहित भिलाई, रायपुर, बिलासपुर, कवर्धा, राजनांदगांव जिलों के मजदूर रसमड़ा के बाजार चौक में मजदूर दिवस मनाने सुबह 10 बजे से एकत्रित हुए, वहां से छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कामरेड भीमराव बागड़े के नेतृत्व में रैली प्रारंभ हुई जो रसमड़ा बस्ती सहित औद्योगिक क्षेत्र का भ्रमण कर ए. के. व्ही. एन. चौक के पास लाल-हरा झण्डा फहराकर पूजा अर्चना की गयी, उसके पश्चात् रैली दशहरा मैदान में पहुंचकरर सभा के रूप में परिणीत हुयी।
रैली में एक मई मजदूर दिवस अमर रहे, मजदूर दिवस को शासकीय अवकाश घोषित करो, शहीद शंकर गुहा नियोगी अमर रहे आदि नारे लगाते हुए लाल-हरा झण्डे बैनर के साथ श्रमिकगण चल रहे थे। सभा के पूर्व शहीद शंकर गुहा नियोगी के छायाचित्र पर माल्यार्पण की गयी एक मई को हुए शहीदों को दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी ।
सभा को छमुमो के अध्यक्ष का. भीमराव बागड़े, एक्टू के राष्ट्रीय सचिव का. बृजेन्द्र तिवारी, मोर्चा के उपाध्यक्ष ए.जी.कुरैशी, टॉपवर्थ के भोजराम साहू, क्रेस्ट स्टील कंपनी के डेरहाराम साहू, जयश्री साल्वेंट के दिलीप पारकर, सोना बेवरेज के धरती राम साहू, जय बालाजी के जितेन्द्र वैष्णव, सुविधी इस्पात से राम खिलावन साहू आदि वक्ताओं ने संबोधित किया। सभा का संचालन तुलसी देवदास व पूनाराम साहू ने किया ।
वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि 8 घंटे ड्यूटी की मांग को लेकर मजदूर आंदोलन हुआ था, अमेरिका के शिकागो शहर में एक मई 1886 के रोज हजारों मजदूरों को गोली का निशाना बनाकर नरसंहार किया गया, उन शहीदों की कुर्बानी के कारण 8 घंटे ड्यूटी का कानून बना है। इन कानूनों को कार्पोरेट घरानों के लिये केन्द्र सरकार खत्म करने में लगी है उसके लिये संघर्ष जारी रखना होगा।
सभा के दौरान जिला कलेक्टर के प्रतिनिधि को दिये ज्ञापन में मांग किया गया कि मजदूर दिवस को छत्तीसगढ़ शासन की ओर से अवकाश घोषित किया जावे तथा अवैध रूप से टॉपवर्थ व क्रेस्ट कंपनी को बंद किया गया था, उन बंद के दौरान का वेतन भुगतान कराया जावे ।
उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगपति श्रम प्रावधानों का पूरी तरह पालन नहीं कर रहे है । रसमड़ा सहित आसपास के बेरोजगार युवाओं को रोजगार नहीं दिया जा रहा है बल्कि रायपुर पावर स्टील की प्रदूषण से रसमड़ा बस्ती के नागरिक परेशान है, इस पर शासन द्वारा सख्त कदम उठाना चाहिए ताकि ग्रामीणों को आंदोलन करने की जरूरत न पड़े।
दिनांक : 01/05/2023