.कुल 20 नग मवेशी कीमती 1,28,500 रू0 एवं वाहन क्रमांक CG 08 AU 2925 कीमती 15,00,000 जुमला 16,28,500 रूपये जप्त
राजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ़) 17 मई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव अभिषेक मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी डोंगरगढ़ प्रभात पटेल द्वारा जिले में चलाये जा रहे अवैध पशु तस्करी की रोकथाम हेतु दिनांक 17.05.2023 के प्रातः जरिये मुखबीर के सूचना प्राप्त हुआ कि टाटा वाहन क्रमांक CG 08 AU 2925 में अवैध रूप से मवेशी तस्करी होने की सूचना प्राप्त होने पर थाना प्रभारी निरीक्षक सी.आर. चन्द्रा द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए हमराह स0उ0नि0 बी.एल. सिन्हा, डॉयल-112 के स्टॉफ एवं बजरंग दल समिति रायपुर के कार्यकर्ता मनोज जंघेल पिता संतोष जंघेल एवं हरि साहू पिता स्व0 राधेलाल साहू के नाकाबंदी किया गया।
नाकाबंदी के दौरान कोकपुर से छुरिया की तरफ आ रही वाहन क्रमांक CG 08 AU 2925 को रोकने का प्रयास किया गया। आरोपी वाहन चालक द्वारा पुलिस टीम को देखकर वाहन को तेज गति से भगाने लगा। पुर्रामटोला मोड के आगे छुरिया रोड में उक्त वाहन के सामने का एक टॉयर पंचर होने से आरोपी वाहन चालक अंधेरे का फायदा उठाकर वाहन को छोड़कर फरार हो गया। वाहन क्रमांक CG 08 AU 2925 के डाला में लगे बारदाना को खोलकर चेक करने पर डाला के अंदर 20 नग गाय एवं बछड़ा भरा हुआ था चारा-पानी की कोई व्यवस्था नहीं था, क्रुरता पूर्वक एक दुसरे के उपर मवेषी गिरे पडे़ थे तब मवेशियों को चेक किया जिसमें 15 रास जर्सी गाय, 04 रास बछड़ा एवं 01 रास जर्सी गाय मरी हुई मिली। इस प्रकार कुल 20 नग गाय एवं बछड़ा कीमती 1,28,500 रूपये मिला एवं वाहन क्रमांक CG 08 AU 2925 कीमती 1500000 रू0 जुमला कीमती 1628500 रू0 को गवाहों के समक्ष जप्त किया गया।
आरोपी वाहन चालक का कृत्य धारा 11 डीईएफ पशु क्रुरता निवारण अधिनियम 4, 6, 10 कृषक पशु परि0 अधिनियम एवं 47-ए, 47-सी, 48, 49, 52 छत्तीसगढ पशु परि0 अधिनियम का पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी चालक का पता तलाष किया जा रहा है। जप्तषुदा कुल 19 नग गाय एवं बछड़ा को नंदनी गौशाला हालेकोसा में सुरक्षार्थ रखा गया है। चोरी हुए मवेशी के मालिक जप्त गायों की षिनाख्तगी कर सकते है।
उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी निरीक्षक सी.आर. चन्द्रा, स0उ0नि0 बी.एल. सिन्हा, डॉयल-112 में तैनात आर0 1111 लेखराम वर्मा, चालक किशोरी राम पटेल, बजरंग दल समिति रायपुर के कार्यकर्ता मनोज जंघेल एवं हरि साहू का विशेष योगदान रहा।