– रायपुर (अमर छत्तीसगढ़)
आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या समणी निर्देशिका डॉं. ज्योति प्रज्ञा जी, समणी डॉं. मानस प्रज्ञा जी का अहिंसा का प्रचार करते हुए रैली के माध्यम से मंगल प्रवेश आगामी प्रवास हेतु तेरापंथ अमोलक भवन में हुआ तत्पश्चात श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, रायपुर द्वारा समणी वृंद का स्वागत/अभिनंदन समारोह दिनांक 30/06/2023 को आयोजित किया गया। स्वागत उदगार गौतम गोलछा, विनोद बरलोटा, राजेन्द्र सेठिया, नरेंद्र दुगड़, संपत डागा, तरुण नाहर, निर्मल गांधी, सरिता सेठिया, प्रतिभा पोकरना, ललिता धाड़ीवाल, सरिता बरलोटा के साथ मंगलाचरण तेमम व सुमधुर स्वागत गीतिका मनीष नाहर, विकास सिपानी द्वारा प्रस्तुत की गई। उपस्थित सभा को मार्गदर्शित करते हुए समणी डॉं. मानस प्रज्ञा जी ने कहा हमारा देश कृषि और ॠर्षि प्रधान देश है। हमें अपनी संस्कृति का बीजारोपण आने वाली पीढ़ी में करना होगा ताकि वह संस्कारवान बने। कन्या/किशोर धर्म स्थान पधारें। समणी जी ने समाजजनों से कहा की ज्योति पूंज ने ज्योति जगाने ज्योति प्रज्ञा को भेजा है अब आप सभी को जागृत होकर अखंड बनना है। समणी डॉं. ज्योति प्रज्ञा जी ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा भगवन ने कहा है जागो-जागृत रहो। समणी वृंद ने इसे भगवन से संवाद के माध्यम से पूछे गये प्रश्न "सोना अच्छा या जागना अच्छा" के समाधान को अनेकांतवाद के सिध्दांत से परिभाषित करने को विस्तार से समझाया। समणी वृंद ने पांच प्रकार के सम्यकत्व में से एक प्रभावना पर अपने विचार रखते हुए हमें कोई भी क्षेत्र चाहें वो धर्म क्षेत्र हो या कर्म क्षेत्र सफलता पाने प्रभावना करने पर प्रकाश डाला व प्रेरित किया। संचालन वीरेंद्र डागा ने किया।
समाचार प्रदाता – वीरेंद्र डागा