किशोर न्याय अधिनियम के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न

किशोर न्याय अधिनियम के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न

राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 27 जुलाई 2023। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार तथा जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव आलोक कुमार के मार्गदर्शन में किशोर न्याय अधिनियम 2015 के कार्यान्वयन पर कर्तव्य धारकों की एक दिवसीय कार्यशाला न्यू एआर भवन प्राधिकरण के मीटिंग हॉल राजनांदगांव में संपन्न हुई।
कार्यशाला में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजनांदगांव श्री दिग्विजय सिंह ने उपस्थित नागरिकों को थानों में किशोरों के संबंध में घटित होने वाले अपराधों में उनकी शिकायतों की प्रक्रिया एवं उसके क्रियान्वयन की कार्रवाई की जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि यदि आपको यह ज्ञात हो कि किसी बालक या बालिका के साथ कोई यौन उत्पीडऩ की घटना घटित होती है और यदि किसी डर या दबाव या अज्ञानता के कारण यदि रिपोर्ट नहीं की जाती है, तो आपको उनको संबंधित थाना क्षेत्र में रिपोर्ट करने हेतु समझाईश दें ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके और इस तरह के अपराध पर रोक लगाई जा सके।
कार्यक्रम में अपर जिला न्यायाधीश (एफटीएससी) राजनांदगांव श्री अनिवाश तिवारी ने उपस्थित पुलिस अधिकारियों एवं अन्य उपस्थित लोगों को किशोर के संबंध में घटित अपराधों की अन्वेषण की प्रक्रिया, विवेचना अधिकारी द्वारा बच्चों के बयान, चिकित्सीय परीक्षण, उनके उम्र के निर्धारण की प्रक्रिया एवं किशोरों के अपराध में लगने वाली धाराओं के निर्धारण की परिस्थितियों पर गंभीरता से जांचकर प्रकरण की कार्रवाई पूर्ण करते हुए प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत करने कहा। कार्यशाला के समापन पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव देवाशीष ठाकुर ने विषय पर चर्चा उपरांत सराहना की।

उन्होंने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम को लागू करना सभी का पवित्र कर्तव्य है। अधिनियम में किशोर न्याय बोर्ड को बच्चों के सर्वोच्च हित के सिद्धांत के पालन करने की बात कही गयी है। अधिनियम के तहत विधि से संघर्षरत किशोरगण को चिकित्सा सुविधा में कानून सहायता प्रदान करना जरूरी है।
कार्यशाला में किशोरों से संबंधित मामले के अध्ययन और देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों (सीएनसीपी) के संबंध में प्रक्रिया पर भी चर्चा की गई। पुनर्वास और सामाजिक पुर्नएकीकरण की प्रक्रिया के साथ-साथ संस्थागत और गैर-संस्थागत कार्रवाइयों, बच्चों के घरों, गोद लेने और बच्चों के खिलाफ अपराध व विविध मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीएससी) राजनांदगांव श्री अविनाश तिवारी एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजनांदगांव श्री दिग्विजय सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव श्री देवाशीष ठाकुर, न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री देवेन्द्र दिक्षित एवं कु. प्रेरणा वर्मा, नोडल अधिकारी विशेष किशोर पुलिस इकाई श्री दिलीप सिसोदिया, सीडब्ल्यूसी सदस्य डॉक्टर श्रुति खरे, किशोर न्याय बोर्ड सदस्य श्रीमती पुष्पलता गणवीर, जिला बाल सरंक्षण इकाई श्री चंद्रकिशोर लाडे, संरक्षण अधिकारी राजनांदगांव सुश्री विद्या मिश्रा पुलिस, सामाजिक कार्यकर्ता, समाज कल्याण विभाग एवं पैरालीगल वालिंटियर्स उपस्थित रहे।
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