0 उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि की मौजूदगी में संपन्न हुआ कार्यक्रम
रायपुर(अमर छत्तीसगढ़) 5 अगस्त। . जैन समाज की सेवा और सहायता के लिए उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि ने अनूठा अभियान चलाया है। वे समाज के हर घर में गौतम निधि कलश की स्थापना करवा रहे हैं। जिन घरों में यह कलश स्थापित होता है, उस परिवार के प्रत्येक सदस्य हर दिन दान के रूप में कुछ राशि कलश में डालते हैं। एक निश्चित समयावधि में सारी रकम इकट्ठी कर समाजहित में खर्च की जाती है।
प्रवीण ऋषि ने पूरे देश मूें ऐसे कलश की स्थापना कराई है। इस योजना का सही तरीके से संचालन करने के लिए उन्होंने प्रतिनिधि भी नियुक्त किए हैं। शनिवार को राजधानी के टैगोर नगर स्थित श्री लालगंगा पटवा भवन में इन्हीं प्रतिनिधियों का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया गया था।
गौतम निधि लब्धि कलश रायपुर के प्रमुख कमल पटवा ने बताया कि देशभर से 200 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने इस आयोजन में हिस्सा लिया। तकरीबन डेढ़ घंटे चली इस बैठक में तय हुआ कि दान के रूप मे मिलने वाली रकम का किस तरह इस्तेमाल किया जाए कि समाज के ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिल सके। इस दौरान विभिन्न प्रांतों से आए प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि गौतम कलश से उनके क्षेत्र में समाज के लोगों को किस तरह फायदा हो रहा है। इसके बाद मोटिवेशनल स्पीकर मनीष गुप्ता ने भी समाज के लोगों को नेटवर्किंग और कम्युनिटी पर मार्गदर्शन किया।
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सेवा का सेतु बनाने समाज का हर
व्यक्ति आगे आए: प्रवीण ऋषि
सभा को संबोधित करते हुए उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि ने कहा कि श्रीराम को लंका जाने के लिए सेतु की आवश्यकता थी। सेतु श्रीराम ने नहीं बनाया। वानर सेना ने बनाया। गौतम निधि लब्धि कलश भी इसी तरह सेवा का एक सेतु है। इस सेतु को भगवान नहीं बनाएंगे। हम सबको मिलकर तैयार करना होगा। ये पूरे जैन समाज की जिम्मेदारी है। सेवा की इस मुहिम से लोग बड़ी संख्या में और तेजी से जुड़ रहे हैं। सेवा-सहायता का ये कारवां इसी तरह आगे बढ़ते रहना चाहिए।
गौतम निधि फउउंडेशन नहीं
निशुल्क बैंक है: ललित पटवा
रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, गौतम निधि एक फाउंडेशन है। लेकिन, इसे गौतम निधि बैंक कहना ज्यादा उचित होगा जो निशुल्क काम करता है। इससे देश के सारे बैंकों को समझ आएगा कि गौतम निधि कैसा बैंक है। लोन के लिए सबसे पहले आवेदन भी इसी बैंक में आएंगे। ये इसलिए भी जरूरी है ताकि राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये मैसेज जाए कि पूरे भारत में जैन समाज किस तरह सेवा कार्य कर रहा है। फिलहाल सेवा की इस मुहिम में राजस्थान और महाराष्ट्र सबसे आगे है। रायपुर में पिछले साल ही इसकी शुरुआत हुई जब गुरुदेव पहली बार रायपुर आए थे। इस महान उद्देश्य के प्रति लोगाें को जागरूक करने के लिए जल्द ही एक समिति गठित की जाएगी। मैं उस समिति में रहूंगा या नहीं, मुझे नहीं पता। लेकिन, गुरुवर के सानिध्य में जो काम हो रहा है, उसे सफल जरूर बनाना है। प्रवीण ऋषि ने उनकी इस बात की सराहना करते हुए कहा कि हर व्यक्ति अगर इसी सोच के साथ काम करेगा तो हम जरूर सफल होंगे।