रायपुर(अमर छत्तीसगढ़) 8 अगस्त । सदर बाजार स्थित तेरापंथ अमोलक भवन में आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या समणी निर्देशिका डॉ. ज्योतिप्रज्ञा जी, समणी डॉ. मानसप्रज्ञा जी का सानन्द धर्म प्रवास गतिमान है। आज दिनांक 08/08/2023 को समणी वृंद के सान्निध्य में 12 वर्ष की ज्ञानशाला ज्ञानार्थी सुश्री योगिता छाजेड़ अपनी 8 की तपस्या के प्रत्याखान के साथ पधारी। छोटी सी बालिका को तपस्या पर उपस्थित समाजजनों ने भावनाओं के माध्यम से शुभकामनाएं दी। मंगलगीत बहनों, शुभकामनाएं श्रीमती इंदू लोढ़ा, नेहा छाजेड़ ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से दी।
समणी डॉ मानसप्रज्ञा जी ने कहा तप बल से भी श्रेष्ठ बल मनोबल होता है। मनोबल उच्च होगा तो कोई भी कठिन से कठिन कार्य किया जा सकता है। रस लेने पर जीत पाने वाले मोक्षकामार्ग पाने की ओर अग्रसर हो जाते हैं। समणी डॉ. ज्योतिप्रज्ञा जी ने मार्गदर्शन करते हुए कहा हर प्राणी अपने बंधन से अपने आप को मुक्त करने का प्रयास करता है चाहे मार्ग कोई भी हो। ज्योतिप्रज्ञा जी ने प्रेरणादायक गीत ‘हार जाना बुज दिलो का काम है, जिंदगी मुश्किलों का नाम है….’ से जीवन के उतार चढ़ाव को समझाने का प्रयास किया। तपस्वी का अभिनंदन तप प्रत्याखान लेकर सुश्री योगिता छाजेड़, नीलम छाजेड़ ने किया।