रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) 10 अगस्त।
मित्रता में बहुत से कार्यो में सहभागिता की भूमिका हमने सूनी है परन्तु तप करने में भी मित्रता विरले ही होंगे। ऐसा ही एक उदाहरण आज दिनांक 09/08/2023 को रायपुर स्थित तेरापंथ अमोलक भवन में चल रहे आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या समणी निर्देशिका डॉ. ज्योतिप्रज्ञा जी, समणी डॉ. मानसप्रज्ञा जी के प्रवास में निरंतर गतिमान तपस्या अभिनंदन में देखने को मिली जब तीन दोस्त तरुण नाहर (9), अरुण सिपानी (9), योगेश बाफना (8) की तपस्या प्रत्याखान लेकर पधारे।
उन्होंने ने तप में साथ निभा कर समाज के सामने प्रेरणा प्रस्तुत की। डॉ. मानसप्रज्ञा जी ने संचालन करते हुए कहा तरुण की तरुणाई, अरुण की अरुणाई, योगेश की योगलाई ने जीवन में तप को अंगिकार करते हुए आत्मकल्याण की ओर अग्रसर होने कदम उठाए हैं।
समणी डॉ. ज्योतिप्रज्ञा जी ने मार्गदर्शन करते हुए उदाहरण के माध्यम से कहा कषाय को कृष करना है तो तप से उपयुक्त माध्यम नहीं है। मंगलकारी तप निराला तन को मंगल करता है…. प्रेरणादायक गीत के माध्यम से तपस्वीयों का मान बढ़ाया। मनीष नाहर, टीपीएफ यंग ग्रुप, अमृता कटारिया, पूजा पारख, कलश नाहर, हेमराज राखेचा, गौरव दुगड़, गौतम गोलछा, बसंत गोयल, अर्हृम सिपानी, पीहू नाहर, राजश नाहर ने अपनी प्रस्तुतियों रुपी भावों के माध्यम से तपस्वीयों को शुभकामनाएं दी। तपस्वीयों का अभिनंदन तप प्रत्याखान लेकर अनिता नाहर, अर्हृम सिपानी ने किया।