महात्मा गांधी ने महावीर के सिद्धांतों को सार्थक किया – प्रवीण ऋषि

महात्मा गांधी ने महावीर के सिद्धांतों को सार्थक किया – प्रवीण ऋषि


ललित महल पहुंचे आचार्य प्रवीणऋषि, आनंद जन्मोत्सव की तैयारियों का लिया जायजा
रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 15 अगस्त। टैगोर नगर में चातुर्मासिक प्रवचन श्रृंखला में मंगलवर को आचार्य प्रवीण ऋषि ने कहा कि आज हम स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। आज का दिन सबके लिए ख़ास है, लेकिन जैन समाज के लिए यह तारीख ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि युद्ध शस्त्र के बिना नहीं जीता जा सकता है, यह असंभव है। लेकिन महात्मा गांधी यह साबित कर दिया कि युद्ध बिना हथियार के भी जीता जा सकता है। उन्होंने अहिंसा का मार्ग अपनाया और अहिंसा के दम पर देश को आजाद कराया। उन्होंने महावीर के सिद्धांतों को सार्थक किया। महावीर स्वामी अहिंसा के प्रतीक हैं, उन्होंने कहा है कि अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है, जियो और जीने दो। महावीर के इस वचन पर महात्मा गांधी कायम रहे और बिना किसी हथियार, हिंसा के देश को आजाद कराया। यहां तक कि यूनाइटेड किंगडम के तत्कालीन प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने लिखा था कि मुझे और किसी क्रांतिकारी से उतना डर नहीं लगता जितना महात्मा गांधी से लगता है। उक्ताशय की जानकारी रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने दी है।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य ने कहा कि हमें कभी समझौता नहीं करना चाहिए। अपनी स्वाधीनता का, आजादी का, स्वाभिमान का समझौता कभी नहीं करें। और न ही किसी के सामने आत्मसमर्पण करें। अगर आत्मसमर्पण करना है कि परमात्मा के सामने करो। अगर कुछ मांगना है तो परमात्मा से मांगो। इस संसार में जिस वास्तु कोई नहीं दे सकता है, वो महावीर दे सकते हैं। अगर महावीर नहीं दे सकते तो कोई भी नहीं दे सकता है। तीर्थंकर का पुण्य तुम जितना लेना चाहते हो ले सकते हो, यह लेने वाले के सामर्थ्य पर निर्भर करता है कि वह कितना ले सकता है।

धर्मसभा में प्रवीण ऋषि ने अकबर से जुड़ा एक प्रसंग सुनाया। अकबर के राज्य में एक फ़क़ीर रहता था। उसे अपने गांव मदरसा बनवाना था, लोगों ने कहा कि आप बादशाह अकबर से मिलें, वो आपकी मदद करेंगे। फ़क़ीर चला बादशाह अकबर से मिलने। जब वह महल पहुंचा तो उसने देखा अकबर नमाज पढ़ रहे थे। वे खुदा से मांगा रहे थे कि मेरा राज्य आबाद रहे, कोई परेशानी न हो। फ़क़ीर ने यह देखा और जाने लगा। बादशाह अकबर से उसे देखा तो उसे अपने पास बुलाया और आने का कारण पूछा। फ़क़ीर ने कहा कि मैं जो मांगने आया था वो मुझे मिल गया। मैं तो मदरसा के लिए बक्शीश लेने आया था, लेकिन तू खुद खुदा से मांग रहा है तो मैं तेरे से क्यों मांगूं। जिससे तू लेता है, में भी ले सकता हूँ, दामन फ़ैलाने वाले के सामने मैं क्यों दामन फैलाऊं? आचार्य ने कहा कि आप जब परमात्मा से जुड़ जाते हैं तो आपको किसी और के सामने दामन फ़ैलाने की जरुरत नहीं। जहां सब कुछ मिल सकता है वहां व्यक्ति मांगता नहीं है। सूरज से आप जितना चाहे ले सकते हो, समुद्र से आप जितना चाहे ले सकते हो, वह कभी ख़त्म नहीं होगा। ऐसे ही परमात्मा है, आप उनसे जुड़ जाओ, कभी मांगने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

ललित महल पहुंचे प्रवीण ऋषि
रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने बताया कि आनंद जन्मोत्सव की तैयारियों को मूर्त रूप देने 15 अगस्त की दोपहर प्रवीण ऋषि विहार करते हुए सरीखेड़ी स्थित ललित महल पहुंचे। यहां 16 से 18 अगस्त तक आचार्य आनंदऋषि का 124वें जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान रायपुर सहित आसपास के हजारों जैन सधर्मी परिवार पहुंचेगे। प्रवीण ऋषि ललित महल में 16 से 18 अगस्त तक रुकेंगे। 18 अगस्त की दोपहर वे ललित महल से विहार करते हुए लालगंगा पटवा भवन, टैगोर नगर पहुंचेंगे। उन्होंने ज्यादा से ज्याद श्रद्धालुओं को आने की अपील की है।

ऐतहासिक होगा आनंद जन्मोत्सव
आनंद महोत्सव के संयोजक आनंद पटवा ने बताया कि राष्ट्रसंत आचार्य आनंदऋषि मासा के 124वें जन्मोत्सव ऐतहासिक होगा। ललित महल के बॉल रूम में वृहद धार्मिक वातावरण निर्मित होने वाला है। 17अगस्त को हजारों की संख्या में रायपुर सहित बाहर से श्रद्धालु ललित महल पहुंचेंगे। आनंद पटवा ने रायपुर सकल जैन समाज के सभी सदस्यों से इस महोत्सव में शामिल होने की अपील की है।

एक साथ होगी 1008 अट्ठाई
कार्यक्रम संयोजक आनंद पटवा ने बताया कि इस बार अट्ठाई महोत्सव के 15वें वर्ष के उपलक्ष्य में आचार्य प्रवीण ऋषि के सानिध्य में ललित महल में आनंद जन्मोत्सव का आयोजन होगा। इस दौरान पहली बार एक साथ 1008 अट्ठाई होगी। जिसमे स्वयं हुकमचंद पटवा परिवार से ही 3 अट्ठाइयाँ हो रही हैं, जिनमे कमाल पटवा, रीना पटवा तथा एकता पटवा अट्ठाई की ओर अग्रसर हैं।

कार्यक्रम की रूपरेखा
16 अगस्त को आनंद चालीसा, प्रवचन होगा। प्रातः 7-8 बजे नवकारसी, 8.30 बजे आनंद चालीसा, 9 बजे से प्रवचन, दोपहर 12-1 बजे गौतम प्रसादी, 2 बजे तपस्वी चौवीसी, शाम 5-6 बजे चौविहार, रात्रि 8-9 बजे आनंद गाथा और रात्रि 9 बजे से भक्ति।

17 अगस्त को आयम्बिल दिवस व गुणानुवाद सभा का आयोजन होगा। प्रातः 7-8 बजे नवकारसी, 8.30 बजे आनंद चालीसा, 9 बजे से गुणानुवाद सभा व 1008 अट्ठाई पचरक्खाण, दोपहर 12-1 बजे गौतम प्रसादी, शाम 5-6 बजे चौविहार, रात्रि 8-9 बजे आनंद गाथा और रात्रि 9 बजे से भक्ति।

18 को परायण महोत्सव मनाया जाएगा। प्रातः 8.30-9.30 बजे पारणा, 9.30 से 10.30 प्रवचन, 12-1 बजे गौतम प्रसादी, दोपहर 2 बजे विहार।

कार्यक्रम के संयोजक अशोक पटवा ने बताया कि इस महोत्सव के लाभार्थी राजेश मूणत परिवार, जी सी जैन परिवार व हुकमचंद पटवा परिवार हैं।

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