सत्तापक्ष प्राधिकरण अध्यक्ष भूनेश्वर-दलेश्वर की उपलब्धियाँ भी दिखेगी….. विधानसभा चुनाव, प्रत्याशी चयन, डॉ. रमन की अंतिम मुहर

सत्तापक्ष प्राधिकरण अध्यक्ष भूनेश्वर-दलेश्वर की उपलब्धियाँ भी दिखेगी….. विधानसभा चुनाव, प्रत्याशी चयन, डॉ. रमन की अंतिम मुहर



राजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ़) 18 अगस्त। राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 8 विधानसभा क्षेत्रों में 7 स्थानों में कांग्रेस के विधायक तथा 1 मात्र राजनांदगांव विधानसभा में भाजपा के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह है। कल विधानसभा चुनाव के 3 क्षेत्रों के लिए घोषित क्रमश: मोहला-मानपुर-अंबागढ़ से संजीव शाह, खुज्जी से गीता घासी साहू, एवं खैरागढ़ से विक्रांत सिंह चुनाव लड़ेंगे। प्रत्याशी चयन के मामले में डॉ. रमन सिंह की पसंद इसमें रही है। वैसे भी पिछले चुनाव में भाजपा विरोधी लहर के चलते लोकसभा क्षेत्र राजनांदगांव से 8 में से 1 मात्र राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र ही रही है। वैसे भी सर्वाधिक प्रतिष्ठा पूर्ण कांग्रेस-भाजपा के लिए चर्चा माना जा रहा है।

जिस ढंग से भाजपा ने 3 प्रत्याशी मैदान में उतारे है। इस क्षेत्रों के वर्तमान विधायकों के चुनाव फिर इन्ही क्षेत्रों से चुनाव लडऩे की घोषणा चर्चाओं के मध्य सत्तापक्ष करते दिखी है। कांग्रेस ने आज संसदीय क्षेत्र के सभी 4 जिलों के जिला कांग्रेस अध्यक्ष की नई नियुक्ति कर दी है।
3 माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए जहां सत्तापक्ष कांग्रेस वापस में लौटने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में संगठन के साथ सामान्जस्य की स्थिति पूरी तरह से दिख रही है। वैसे भी मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में भेंट मुलाकात के माध्यम से मतदाताओं से मिल चुके है। धान खरीदी सहित कई मुद्दे है जो सरकार को सत्ता में लौटाने के लिए चर्चाओं के अनुसार समर्थन में दिख रहे है।

इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी ने तो प्रत्याशी घोषित कर सत्तापक्ष को यह सोचने में भी मजबूर कर सकता है कि कल घोषित 3 विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों के विरुद्ध क्या वर्तमान प्रत्याशी मैदान में दिखेंगे। जबकि इनमें से 1 प्रत्याशी जिले से बाहर के है जो कांग्रेस विधायक है। कांग्रेस को अपनी 7 सीट बचाने के लिए विधआयकों को बदलने की आवश्यकता चर्चाओं के अनुसार पड़ सकती है।
भाजपा विशेष कर डॉ. रमन संसदीय क्षेत्र के सभी सीटों यथावत रखने के लिए प्रत्याशी चयन के मामले में उनकी अंतिम मुहर ही सर्वापरि मानी जा रही है। सत्तापक्ष कांग्रेस को उपल्बिधों के साथ अपने वर्तमान विधायक की लोकप्रियता एहसास भी करना होगा। विधानसभा चुनाव को लेकर जहां विपक्ष भाजपा राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र पूरे प्रदेश में सक्रिय दिख रहा है। सत्तापक्ष को भी अपने विधायकों को अपने उपलब्धियों को लेकर आना होगा।

मुख्यमंत्री ने वैसे भी राजनांदगांव जिले के आधा दर्जन नेताओं को महत्वपूर्ण पद भी दिए है। जिसमें विधायक भूनेश्वर बघेल एवं दलेश्वर साहू को प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया है जो अपनी उपलबिधियों पिछड़ा वर्ग एवं अनुसूचित जाति को कितना लाभ पहुंचाया। जनहित में सामने लाना होगा। विधायक द्वय की उपलब्धियां प्राधिकरण का मिला लाभ सत्तापक्ष को क्षेत्र में कितना असर करेगा चुनाव में दिखेगा। शेष फिर कभी…

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