नागपुरा (दुर्ग) अमर छत्तीसगढ – श्री उवसग्गहरं पार्श्वतीर्थ नागपुरा में आज श्रावण सुद पंचमी को तीर्थंकर भगवान श्री नेमिनाथ प्रभु का जन्म कल्याणक, व्याख्यान वाचस्पति, कविकुल किरीट, वादी विजेता पूज्यपाद आचार्य श्रीमद विजय लब्धि सूरीश्वरजी म.सा. सूरीश्वर जी म.सा. तीर्थ में विराजित भगवान श्री मुक्तिप्रिया श्री जी म.सा. के जन्मतिथि प्रसंग पर। ठाणा 12 की निश्रा में आदि गुणानुवाद सभा का आयोजन हुआ।
तीर्थ के आस्थावान ट्रस्टी पुखराज दुगड़, तीर्थभक्त जयचंद दुगड़, आरोग्यम नागपुरा के मुख्य अधिकारी चिकित्सा डॉ. दानेश्वर टेंडन, महिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. पूजा भेसले ने महापुरुषों के टेलचित्र सम्मुख दीप प्रज्वलन एवं समन्वित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आज श्री नेमिनाथ प्रभु का वर्धमान शक्रस्तव स्तोत्र की महाभिषेक किया गया।
गुणानुवाद सभा में 22वें तीर्थकर श्री नेमिनाथ प्रभु के जीवन चरित्र का स्मरण करते हुए नेमिनाथ प्रभु के जीवदया, प्रेम की भावना को सुनिश्चित करने का संकल्प लिया गया !! प्राणीमात्र के कल्याण करने में ही आत्म कल्याण निहित है। भगवान नेमिनाथ के साथ शत्रुता का गुणगान किया गया। श्रमण परम्परा के मूर्धन्य महाकवि वात्सल्यमूर्ति करुणा-समता के ज्योतिर्धर सहज सरलमना आचार्य भगवन्त श्रीमद् विजय सूरीश्वर को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके द्वारा लिखित स्तवनों के सामूहिक गायन शिष्यों द्वारा किया गया। वर्धमान गुरुगुल के चन्द्रमा एवं मित्र ने गुरु भक्ति गीत प्रस्तुत किया। नम्रता निशाद ने कविता के माध्यम से आचार्य श्री लब्धि सूरीश्वर जी के संपूर्ण जीवनवृत से अवास्तविक कथा का वर्णन किया है।