कोरबा(अमर छत्तीसगढ) दीपका थाना में दर्ज सड़क दुर्घटना के एक मामले को आरोपी बनाए गए कार मालिक ने फर्जी करार देते हुए जो दुर्घटना हुई नहीं, उसमें फंसाने और न्यायालय में कार व कागजात पेश करने के नाम पर 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। पीड़ित के द्वारा दिए गए वीडियो में हवलदार स्पष्ट तौर पर कहता नजर आ रहा है कि समय-समय की बात है, कई अधिकारी ऐसे होते हैं और उधर मजिस्ट्रेट को भी देना पड़ता है।
दीपका थाना क्षेत्र के एसईसीएल आवासीय कालोनी ऊर्जानगर गेवरा सी-37 के निवासी रविन्द्र सिंह पिता स्व. रुद्रपाल सिंह ने इस मामले की शिकायत की है। घटनाक्रम 2 अक्टूबर का है जब गेवरा के बुधवारी बाजार जाते वक्त उनके कार के पिछले चक्के में टक्कर मारकर शनिराम चौहान नामक व्यक्ति बलगी खदान में ड्यूटी जाने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। रविन्द्र सिंह के मुताबिक वह तुरंत कार से उतरकर उस व्यक्ति का हाल जाना। इस बीच यहां सीआईएसएफ का एक जवान और अन्य लोग इकठ्ठा हो गए थे । जिन्होंने कार चालक की कोई गलती नहीं होना कहा और जाने दिया।
इसके बाद 6 अक्टूबर को सुबह 11 बजे पुलिस कर्मी संजय यादव दीपका थाना से पहुंचा और कार के संबंध में जानकारी लेकर अपने साथ थाना ले गए। पीड़ित रविन्द्र सिंह पर एफआईआर दर्ज होने की जानकारी देते हुए कार की चाबी जमा करा लिया। हवलदार संजय यादव के द्वारा कार व कागजात न्यायालय भेजने में हफ्तों का समय लग जाने का हवाला देते हुए काम जल्दी निपटाने के एवज में 15 हजार रुपए की मांग रखी गई है। पीड़ित रविन्द्र सिंह ने कुछ दिन पहले एक इनोवा 7 हजार रुपए में छोड़ने का हवाला दिया तब संजय ने वक्त बदलने और अधिकारी तथा मजिस्ट्रेट को भी देना होता है, कहकर टीआई से भी बात करने से रोक दिया कि कोई फायदा नहीं होगा, वे अपने निचले अधिकारी की ही बात मानेंगे। रविन्द्र सिंह ने अपने खर्चे से रिपोर्टकर्ता शनिराम का एक्स-रे करवाने का प्रस्ताव भी रखा क्योंकि उसे संदेह है कि कोई फ्रेक्चर नहीं हुआ लेकिन इसे टाल दिया गया। पूरे मामले की ऑडियो और वीडियो सहित शिकायत पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल से करते हुए रविन्द्र सिंह ने शनिराम चौहान का एनसीएच गेवरा में डिजिटल एक्स-रे कराने, उसके बाइक को तलाश कर जांच कराने तथा दर्ज प्रकरण खारिज करने का आग्रह किया है।
शिकायत जांच की समय सीमा नहीं : सीएसपी
रविन्द्र सिंह द्वारा पुलिस कर्मी संजय यादव के विरुद्ध की गई शिकायत की जांच दर्री सीएसपी सुश्री लितेश सिंह कर रही हैं। 7 अक्टूबर को हुई शिकायत की जांच अब तक चल रही है। जांच के लिए समय सीमा निर्धारण के संबंध में सीएसपी ने कहा कि जांच पूरी करने की कोई समय-सीमा नहीं रहती है, जब जांच पूरी हो जाएगी तो रिपोर्ट सौंप देंगे।