बिलासपुर(अमर छत्तीसगढ़) 12 सितंबर। जैनों का महापर्व पर्युषण पर्व का आज पहला दिवस है आज सुबह से ही समाज के सभी श्रावक एवं श्राविकाएं, बालक एवं बालिकाएं बड़े हिस्सा से इस महापर्व के स्वागत के लिए तैयार थे सभी ने बहुत ही उत्साह के साथ इस पर्व के आगमन पर प्रार्थना एवं भगवान द्वारा आगम का पतन किया साथ ही पर्युषण महापर्व तब और त्याग का, अहिंसा और प्यार का, सेवा और सहयोग का, पाप कर्म का नाश करने का, आध्यात्म से मोक्ष प्राप्त करने का पर्व माना जाता है।
जैन भवन टिकरापारा में समाज के लोगों द्वारा तप और साधना के इस पर्व पर श्रीमती भाविका बेन तेजाणी को आज नौवां उपवास और कुमारी हीर कपाड़िया को पांचवा उपवास है । समाज के सभी लोगों के द्वारा महावीर प्रभु से प्रार्थना करते हैं कि उनको इस उपवास को पूरा करने हेतु शक्ति एवं साधना देवे ।
आज अहमदाबाद की दो बहने स्मिता बेन सुरेंद्रनगर से और लीना बेन वलसाड द्वारा पर्यूषण पर्व की महिमा का विस्तार से वर्णन किया गया और इस पर्व के महत्व को बताया गया जिसे सभी सुनकर आत्मविभोर हो गए।
व्याख्यान में समाज के अध्यक्ष भगवान दास सुतारिया, खुशाल भाई तेजणी, किशोर देसाई, केतन सुतारिया ,राकेश तेजणी, नरेंद्र तेजणी, गोपाल वेलाणी,कीर्ति गांधी, शोभना सुतारिया, पारुल सुतारिया, छाया देसाई, ज्योत्सना तेजाणी, ज्योत्सना जैन, भाविका तेजणी हेमा तेजाणी, सुधा गांधी, लता देसाई, खुशबू देसाई एवं समाज के अन्य सभी उपस्थित थे।