पर्युषण के प्रथम दिवस उपाध्याय प्रवर ने बताई जीवन में चलने की विधि
रायपुर(अमर छत्तीसगढ़) 12 सितंबर। पर्युषण महापर्व शुरू हो गया है। इस पर्व के प्रथम दिवस मंगलवार को उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि ने टैगोर नगर स्थित लालगंगा पटवा भवन में उपस्थित श्रावकों को संबोधित करते हुए कहा कि अंतगड़ के तीन प्रमुख सूत्र हैं रुकना नहीं, कोई प्रश्न नहीं करना और प्रवास। आओ हम परमात्मा की ऊँगली पकड़कर चलना सीखें। जमीन पर चलना माँ-बाप सिखाते हैं, और परमात्मा जीवन में कैसे चलना है, वो सिखाते हैं। उक्ताशय की जानकारी रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने दी।
उपाध्याय प्रवर ने कहा कि चलो ऐसे कि राह राजमार्ग हो जाए, अग्निपथ भी शीतल हो जाए। चले बिना संसार में कोई नहीं रह सकता। गति स्वाभाविक है, लेकिन यह गति सद्गति बने या कुगति, यह आप पर निर्भर है। परमात्मा दो बातों का विधान कहते हैं, तेरी कदम और तेरी नजर। एक कदम धर्म का होता है और एक कदम कर्म का। वैसे ही एक नजर कर्म की होती है और एक नजर धर्म की। कर्म के कदम से चलोगे और कर्म की नज़रों से देखोगे तो कर्म तक पहुंचोगे। धर्म की नजर से धर्म के कदम बढ़ाओगे तो परमात्मा के पास पहुंचोगे। महावीर प्रभु सबसे पहले चलना सिखाते हैं। जमीन पर चलना तो माँ-बाप सिखाते हैं, जीवन में चलना गुरु और परमात्मा सिखाते हैं। हमें ज्ञान और दर्शन का आलंबन लेकर चलना है। बिना श्रध्दा के कभी कदम नहीं उठाना। चलो तो एक लक्ष्य बनाकर, हमारा हर एक कदम तीर है, और बिना निशाने के चलोगे तो संसार में भटक जाओगे।
उपाध्याय प्रवर ने कहा कि चलते समय यह तय करना जरुरी है कि मैं किस लिए जा रह हूँ। मंजिल उनको मिलती है, जो लक्ष्य बनाकर चलते हैं। दूसरी बात, नजर हमेशा राह पर होनी चाहिए। जो हम देखते हैं, वो ग्रहण करते हैं। नजर हमेशा मंजिल पर टिकी रहनी चाहिए। तीसरी बात, बिना गुरु-परमात्मा की आज्ञा के कदम नहीं उठाना। बिना आज्ञा के उठा कदम फंस जाता है, संसार में उलझ जाता है। दुनिया के साथ चलोगे तो दुनिया में ही रह जाओगे, परमात्मा के साथ चलोगे तो मंजिल तक पहुंचोगे। चौथी बात, कभी संदेह लेकर मत चलो, हार की संभावना मत रखो। अगर संदेह मन में रहेगा तो हार निश्चित होगी।
रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने बताया कि आज से पर्युषण पर्व की शुरुआत हो गई है। आज से आगामी 8 दिनों तक प्रातः 6 बजे प्रार्थना (भक्तामर स्त्रोत आराधना) होगी। 8.15 बजे सिद्ध स्तुति, 8.30 बजे अंतगड़ सूत्र का मूलपाठ होगा। 10 बजे मंगलपाठ के बाद उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि का प्रवचन शुरू होगा। दोपहर 2.30 से 3.30 बजे तीर्थेश मुनि कल्पसूत्र की आराधना कराएंगे। इसके बाद दोपहर 3 बजे विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। शाम 6 बजे कल्याणमन्दिर स्त्रोत आराधना और सूर्यास्त के समय प्रतिक्रमण होगा। ललित पटवा ने सकल जैन समाज को पर्युषण पर्व के लिए लालगंगा पटवा भवन में आमंत्रित किया है।