उपासिका साधना कोठारी ने जैन परम्परा के अनेक प्रभावी आचार्यों के जीवन के प्रेरक प्रसंगों का सुन्दर वर्णन किया

उपासिका साधना कोठारी ने जैन परम्परा के अनेक प्रभावी आचार्यों के जीवन के प्रेरक प्रसंगों का सुन्दर वर्णन किया


  दुर्ग (अमर छत्तीसगढ़) 19 सितम्बर।  आध्यात्मिकता से ओतप्रोत आत्मा की पोथी पढ़नें का ऋजुता की ज्योति जलाने का सुन्दर अवसर संवत्सरी का दिवस क्षमा दिवस पर्युषण महापर्व का शिखर ! परम पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी ने आज इसे "भगवती संवत्सरी महापर्व" के अलंकरण से विभूषित किया है।
     परमाराध्य की अनुकंपा से दुर्ग तेरापंथ समाज को उपासिका द्वय का पावन सानिध्य प्राप्त हुआ है। वरिष्ठ उपासिका डा. वीरबाला छाजेड ने भगवान महावीर के प्रसंगों को विस्तार से धर्मसभा को बताया। आपने कषायों के बारें में विस्तारित करते हुए प्रमोद भावना को समझाते हुए प्रेरणा दी। भगवान महावीर के सिद्धांतो की प्रासंगिकता बताते हुए भावपूर्ण गीतिका "वर्तमान को वर्धमान { महावीर } की आवश्यकता है. का गायन किया और भी अनेकों भक्ति भाव पूर्ण गीतिकाओं के माध्यम से धर्मप्रेमियों का ज्ञानवर्धन किया।
       उपासिका श्रीमती साधना कोठारी ने जैन परम्परा के अनेक प्रभावी आचार्यों के जीवन के प्रेरक प्रसंगों का सुन्दर वर्णन किया। तेरापंथ धर्मसंघ के प्रवर्तक आचार्य श्री भिक्षु सहित सभी आचार्यों के जीवन के प्रमुख प्रसंगों से अवगत कराते हुए गणाधिपति आचार्य श्री तुलसी, प्रेक्षा प्रणेता आचार्य श्री महाप्रज्ञ के अवदानों को बताया। आचार्य श्री महाश्रमण के अवदानों... अहिंसा यात्रा के बारे में बताया।


    तेरापंथ महिला मंडल की सदस्याओं ने तेरापंथ धर्मसंघ की साध्वी प्रमुखाओं के जीवन वृत का क्रमबद्ध वाचन किया। तेरापंथ युवक परिषद के युवकों ने आचार्यों के जीवन वृत का बारी बारी से वाचन किया। जैन विद्या परीक्षा व्यवस्थापिका श्रीमती मंजू बरमेचा ने दुर्ग की उपलब्धियों को बताते हुए वरिष्ठ जनों के माध्यम से परीक्षार्थियों को प्रमाण पत्र  दिए। कन्या मंडल की युवतियों ने कर्मों के प्रकारों पर प्रकाश डाला। ज्ञानशाला के नौनिहालों ने क्षमा याचना पर नाट्य प्रस्तुत कर व आसनों के प्रयोग से मन मोह लिया, उन्हें पुरस्कृत किया गया। तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा ने धार्मिक दस आश्चर्यो से अवगत कराया। श्रीमती मंजू बरमेचा ने महावीर अष्टकम का श्रद्धा पूर्वक गायन किया।
 श्रीमती सपना श्रीश्रीमाल ने तपस्वियों के अनुमोदनार्थ गीतिका का मधुर संगान किया। श्रीमती गरिमा बरमेचा ने...आयो जैन जगत रो प्रमुख पर्व संवत्सरी का मारवाड़ी भाषा में सुमधुर गायन किया। मास्टर ह्रयान ने क्षमा पर्व पर गीतिका प्रस्तुत की। कु. रायशा ने नमस्कार महामंत्र गाया। कु. प्रज्ञा, कु. तान्या, कु. परी, संयम, कुशल की तपस्याओ की अनुमोदना कर सम्मान पत्र भेंट किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन श्रीमती विनीता बरडिया व श्रीमती श्वेता बरमेचा ने किया। सभा के मंत्री संजय चौपड़ा ने पूज्य गुरुदेव, उपासिका द्वय के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए, सभी समाज जनों के प्रति आभार प्रकट करते हुए साधुवाद दिया।
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