शीतल मुनि जी के दुर्ग चातुर्मास में धर्म ध्यान की अलख जगी

शीतल मुनि जी के दुर्ग चातुर्मास में धर्म ध्यान की अलख जगी

जय आनंद मधुकर रतन भवन में पांच माह के इस चातुर्मास ने नया इतिहास रचा, कल चातुर्मास की अंतिम महामंगल पाठ गुरुदेव का

( नवीन संचेती)

दुर्ग(अमर छत्तीसगढ़ ) 27 नवंबर। शीतल छाया वर्षावास समिति के तत्वाधान में महास्थवीर, महासाधक, आड़ाआसन त्यागी, वाणी के लब्धिधारी, पूज्य गुरुदेव श्री शीतलराजजी म. सा. का ऐतिहासिक चातुर्मास वर्ष 2023, सामायिक साधना व अनेकों धार्मिक अनुष्ठानो नवकार महामंत्र जप कार्यक्रम के साथ उच्चता के शिखर पर पहुंचाकर दुर्ग शहर में चातुर्मास का नया इतिहास रच दिया। कभी मंदिर, स्थानक न जाने कई लोगों ने धर्म ध्यान से जुड़कर अपने मानव जीवन को सुधारने का कार्य किया।
चातुर्मास लगने के बाद से ही जैन समाज के लोगों का ओर अधिक रुझान धर्म ध्यान त्याग तपस्या की ओर लगातार बढ़ती ही गया प्रतिदिन प्रवचन एवं महामागलिक में लोगों की प्रतयक्ष उपस्थिति धर्म के प्रति अलख जगाने वाले महान साधक श्री शीतल मुनि की प्रेरणा से हजारों की संख्या में लोग रात्रि भोजन त्याग, जमीकंद का त्याग, प्रतिदिन सामायिक स्वाध्याय करने का लोगों का संकल्प इस चातुर्मास का प्रमुख केन्द्र रहा।

चौमासी पख्खी एवं चातुर्मास समापन के पुण्यशाली अवसर पर गुरुदेव श्री शीतल मुनि का महा मंगल पाठ अद्भुत अकल्पनीय दुर्ग जैन समाज के इतिहास में पहली बार पूज्य गुरुदेव श्री शीतल राज जी म.सा के पावन सानिध्य में शीतल छाया वर्षावास समिति दुर्ग के बैनर तले जय आनंद मधुकर रतन भवन में सामूहिक दया का आयोजन किया गया जिसमें 425 से अधिक सामूहिक दया का आयोजन जय आनंद मधुकर रतन भवन के प्रांगण में संपन्न हुआ।

कल महामंगल पाठ दोपहर 2:00 बजे

28 नवंबर को दोपहर 2:00 बजे गुरुदेव शीतल मुनि का महा मंगल पाठ जय आनंद मधुकर रतन भवन के प्रांगण में चातुर्मास काल की अंतिम महा मंगलपाठ का आयोजन होगा । महा मंगल पाठ के बाद शीतल मुनि जी का विहार महावीर कॉलोनी की ओर होगा ।

शीतल वर्षावास समिति के सभी सदस्य एवं पदाधिकारी की बारंबार वंदना अनुमोदना
समस्त श्रावक श्राविकाओं की सहभागिता अभिनंदनीय है। वे समस्त कार्यकर्ता जिनके पुरुषार्थ से यह सब संभव हुवा है। महामंगल पाठ के आयोजन के शोभाचंद जी निर्मल कुमार श्रीश्रीमाल परिवार इस आयोजन के लाभार्थी परिवार थे।
जीवनलाल, गौतमचंद, निर्मल, किशोर ऋषभ श्रीश्रीमाल ने महा मंगल पाठ में पधारे समस्त गुरु भक्तों का आभार व्यापित किया।

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