पीस ऑडिटोरियम में एक दिवसीय योग तपस्या कार्यक्रम…
भिलाई(अमर छत्तीसगढ़) 27 दिसम्बर । हम मेडिटेशन क्यों करते है सवाल के जवाब में आज सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में एक दिवसीय योग तपस्या कार्यक्रम में ब्रह्मावत्सो ने कहा मन को एकाग्र करने के लिए, विकारों को दूर करने के लिए, तनाव मुक्त जीवन के लिए, शांति के लिए, सुखी और स्वस्थ रहने के लिए, आत्मिक स्थिति के लिए, परमात्म प्राप्ति के लिए, पॉजिटिव लाइफ के लिए, सफलता के लिए सभी उत्तर को सही मानते हुए संस्था के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू से आये ब्रह्माकुमार भानु भाई ने मेडिटेशन के साइंस को स्पष्ट करते हुए बताया की मेडिटेशन में पोटेंशियल (सामर्थ्य) एनर्जी काइनेटिक (गतिज) ऊर्जा में परिवर्तित होती है।
हम सभी में ऊर्जा का आभामंडल (ओरा) रहता है, जिस पर वैज्ञानिकों द्वारा कई अनुसन्धान भी होते है, जिन्हें हम देवी देवताओं के चित्रों में भी देखते है | हमारे श्रेष्ठ व शुभ संकल्पों से हमारा पावरफुल आभामंडल (ओरा) बनता है जो हमारे तन और मन के सुरक्षा कवच का काम करता है।
यह दुनिया संकल्पों का सागर है, विचारों की श्रृंखला (चेन ऑफ थॉट्स) दूसरों के नेगेटिव थॉट वेव्स से सुरक्षित रहना है। | हमारे एक-एक संकल्प का असर हमारे जीवन और ब्रह्मांड पर पड़ता है।
आपने मोबाइल के फ्लाइट मोड ऑप्शन के बारे में बताते हुए कहा कि दिन भर में कुछ पल हम सबसे डिस्कनेक्ट हो (बियोंड द वर्ल्ड) पांच तत्वों से पार परमधाम में परमात्म शक्ति का अनुभव करें , जैसे कि एक मोमबत्ती की रोशनी से चाय नहीं बन सकती वैसे ही परमधाम की उच्च योग की किरणों द्वारा ही हम स्वयं सुरक्षित होकर दूसरों को भी सुरक्षित रख सकते है।
हमारा ब्रेन तेलुगू, गुजराती, हिंदी, इंग्लिश नहीं समझता है, वह चित्र बनाता है, जैसा बेस्ट चित्र वैसा बेस्ट हमारा जीवन। हमारे जीवन के चित्र को सदा कलरफुल बेस्ट पॉजिटिव रखना है।
आपने करोना और कबीर के दोहे काल करे सो आज… का उदाहरण देते हुए कहा न व्यक्ति न धन काम में आया, नो पेंडिंग वर्क इन लाइफ।
श्रेष्ठ संकल्पों के श्रेष्ठ स्थिति के आसन पर स्थित हो श्रेष्ठ कर्म कर जीवन को निर्विघ्न बनाओ।
आज इच्छाओं के कारण मन कमजोर खोखला होता जा रहा हैं, अपने आप से बातें करनी है जिसको स्वयं से बाते करने की कला आ गई तो परमात्मा से भी वह बात कर सकता है।
हमारे साथ जो कुछ हो रहा है उसे स्वीकार करें हमारे अच्छे या बुरे सब हमारे ही कर्मों का फल है। अपने समय, संकल्प, एनर्जी को बचाना है।
बीती को बिंदी लगाकर सच्चे दिल से निस्वार्थ, शुभ भाव, कल्याण की शुभकामना से सबको माफ कर आने वाले नव वर्ष में हल्के हो दुआओं से अपना खाता भरपूर करो।
भिलाई सेवा केन्द्रों की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने भानु भाई को ऐसे पावरफुल योगाभ्यास के लिए धन्यवाद प्रेषित करते हुए कहा की संकल्प में भी हमें कभी पश्चाताप न हो ऐसा जीवन हो सदा।