स्वामी विवेकानंद नवजागरण के महानायक – द्विवेदी

स्वामी विवेकानंद नवजागरण के महानायक – द्विवेदी


राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 13 जनवरी ।. राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद जी के सुमंगला जन्मदिवस के परमपुनीता परिप्रेक्ष्य में नगर के विचारप्रज्ञ प्राध्यापक डॉ. कृष्ण कुमार द्विवेदी ने युवा-किशोर-बाल पीढ़ी को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी समग्र देश-धरती में नवजागरण के महानायक हुये जिन्होंने युवाओं को सनातन-सांस्कृतिक मूल्यों – वेदांत दर्शन को आत्मसात करने के साथ-साथ उन्हें उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति के प्रभाव से भी अवगत कराया और राष्ट्र निर्माण में युवा -शक्ति की प्रभावी-प्रत्यक्ष भूमिका को भी अनिवार्य बताया। नवजागरण के लिए सर्वप्रथम स्वामी जी ने ही युवाओं को विशिष्ट आह्वान किया और युवा अस्मिता को जागृत भी किया तथा युवाओं के लिए विश्व विजय का मंत्र दिया कि ”उत्तिपठत जागृत प्राप्य वरान्निबोधत” यही आगे चलकर स्वामी जी का ध्येय वाक्य बना कि-उठो, जागो और तब तक मत रूको जब तक तुम अपने लक्ष्य को प्राप्त न कर लो। आगे प्राध्यापक डॉ. द्विवेदी ने विशेष रूप से बताया कि स्वामी जी का मूल दृष्टिकोण भारतीय सनातन श्रेष्ठता को अखिल विश्व में सुस्थापित कर और भारत देश से कुरीतियों, पिछड़ापन, गरीबी और गंदगी को मिटाकर देश को पुन: अखिल विश्व में विश्वगुरू की पदवी पर पुन: स्थापित करना है। इस महत्म कार्य के लिए स्वामी जी ने सर्वाधिक भरोसा देश के युवाओं पर किया। इसके लिए स्वामी जी नवजागरण के प्रबल पक्षधर हुए और युवा पीढ़ी को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान को धारण करने के लिए प्रेरित किया तथा पुरातन की श्रेष्ठता, उत्कृष्टता को भी मन प्राण से स्वीकार करने का आह्वान किया तथा युवाओं को भारतीय वेदांत को नित्य कार्य व्यवहार का आधार बनाने का अनुपम संदेश भी दिया। स्वामी जी ने विशेष रूप से अभिप्रेरित किया कि वे बल, पवित्रता और जीवन शक्ति के अदभुत आधार को स्वीकारे। देश के महत्तम आचार्यो एवं महान समाज सुधारकों के उपदेशों का अक्षरश: अनुसरण करें। वस्तुत: स्वामी जी का मानना था कि हमारे युवा जीवनपथ पर उच्च आदर्शो को लेकर चले तथा देश-धर्म के लिए बड़े स्वप्न देखें और श्रेष्ठ उत्कृष्ट भारतीय मूल्यों की प्राप्ति के लिए महान कार्य करें। यही युवा-किशोर-बाल एवं प्रबुद्ध पीढ़ी की स्वामी जी के प्रति सत्य, सार्थक श्रद्धांजलि-पुष्पांजलि होगी। इस अवसर पर आयोजन स्थल गुरूनानक शाला सभागार में उपस्थित बाल-किशोर पीढ़ी के लिए स्वामी विवेकानंद के जीवनक्रम पर आयोजित प्रश्नोंत्तर श्रृंखला में सहभागी हुए प्रतिभागियों को डॉ. द्विवेदी एवं उपस्थित विशेष अतिथि-अधिवक्ता अमलेन्दु हाजरा एवं अधिवक्ता राजकुमार शर्मा द्वारा स्वामी विवेकानंद वाणी-संदेश पुस्तिका एवं सचित्र पट्टिकाएं प्रदान की गई। स्वामी विवेकानंद अमर रहे, उनके प्रभावी संदेश हमारी युवा पीढ़ी को हमेशा जागृत करें। इसी संदेश के साथ विचार सभा का समापन किया गया। संस्था की ओर संचालक श्री सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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