राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) . समग्र देश-धरती में अतिलोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विशेष आह्वान संदेश मंदिर/ पूजा स्थलों की सफाई को प्राथमिक एवं अति आवश्यक संदेश निरूपित करते हुए नगर विचारप्रज्ञ प्रबुद्ध व्यक्तित्व डॉ. कृष्ण कुमार द्विवेदी ने बताया कि स्वच्छता ही श्रेष्ठ सरल अर्थो में मंदिर की पवित्रता, पावनता और दिव्यता को अभिप्रमाणित करने के साथ-साथ अध्यात्म, संस्कार, शिक्षा का उत्कृष्टतम केन्द्र बनाती है।
सहज रूप से स्वच्छता ही सर्वश्रेष्ठ व्यवहारिक कर्म कार्य-प्रक्रम ही जो सरल रूप से पूजा स्थल / मंदिर को जन-जन, सर्व-जन के लिए अपने प्रभु की अराधना का मुख्य स्थल बना देते है। नियमित साफ-सफाई जीवन के प्रमुख पर्यातत्व जल-वायु-मिट्टी को प्रदूषण से परे रखकर संपूर्ण मंदिर परिसर को सुंदर, दिव्य, भव्य और अनुपम बना देती है।
आगे डॉ. द्विवेदी ने विशेष रूप से इस विशेष आह्वान को सर्व – सार्व के लिए कल्याणकारी विकास परक बताते हुए युवा-किशोर एवं प्रबुद्ध पीढ़ी को बढ़-चढ़कर स्वयं के नित्य, कर्म-व्यवहार में लाने के लिए आगे आना चाहिए। वे जब भी मंदिर, पूजा, ध्यान स्थल जाए तब पूजा-अर्चना, वंदन-अराधना के साथ-साथ स्वच्छता की भी कार्य सेवा अवश्य करें। वास्तव में स्वच्छ, पवित्र, पावन पूजा स्थल-मंदिर ही सदा-सर्वदा से हमारी गौरवशाली सनातन संस्कृति के अद्वितीय आदर्शतम् पहचान रहे हैं। आइये हम सभी जन-गण इस राष्ट्रीय आह्वान को मन-प्राण से स्वीकार करें और देश-धरती की अद्वितीय-गौरवशाली, सनातन संस्कृति इस अनुपम परंपरा को बनाए रखें और सांस्कृतिक समृद्धि में अपना योगदान अवश्य करें।