बिलासपुर(अमर छत्तीसगढ़) 12 फरवरी । श्री माधव प्रेरणा केन्द्र एवं भारतीय जैन संघटन बिलासपुर द्वारा श्री सकल जैन समाज के सदस्यों एवं शहर के बुद्धिजीवी गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति मे रविवार को संगोष्ठी जिसका विषय “जैन समाज का राष्ट्र निर्माण में योगदान” था। आमंत्रित वक्ताओं ने अपने-अपने विचार प्रकट किये। संगोष्ठी 11 फरवरी रविवार को जैन मंदिर कांति नगर में संपन्न हुई। अतिथियों का स्वागत सम्मान, कुमकुम लगाकर एवं शाल, श्रीफल, मोती की माला, स्मृति चिन्ह भेंटकर किया गया ।
आमंत्रित वक्तागण….
इस अवसर पर आमंत्रित प्रमुख वक्ता में लेखक, विचारक एवं प्रेरकवक्त सीए संतोष जैन वडेर दुर्ग उपस्थित रहें साथ ही आरएसएस विभाग प्रचारक गणेश जी, संघ लोक सेवा आयोग के भूतपूर्व सदस्य एवं स्थाई वंदे मातरम मित्र मंडल के स्थाई आमंत्रित सदस्य प्रदीप देशपांडे, शांतनु मुखोपाध्याय सचिव प्रेरणा केंद्र, डॉ राजकुमार सचदेव विभाग संघ चालक आरएसएस, सुश्री सुनीता जैन, डॉ अरिहंत जैन, वीर कुमार जैन, सनत जैन, जय कुमार जैन, सुभाष श्रीश्रीमाल, डॉ अभिनेश जैन, अमित जैन उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत श्रीमती सीमा जैन एवं श्रीमती रश्मि जैन के द्वारा मंगलाचरण कर किया गया। उसके पश्चात वंदे मातरम मित्र मंडल द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। मंच का संचालन सुभाष श्रीश्री माल के द्वारा किया गया। इस अवसर पर जैन समाज के संरक्षण गण में विमल चोपड़ा, प्रवीण जैन, सनत जैन, अध्यक्ष दीपक जैन, दैनिक अमर छत्तीसगढ़ के प्रधान संपादक डॉ सी एल जैन सोना रायपुर, इंदर चंद जैन, संजय छाजेड़, आंचल जैन, अमरेश जैन, गोपाल वेलानी, भूपेन्द्र चंदेरिया,रोहित भांगे, महिंद्र पटेल, अरविन्द गर्ग, चंद्र प्रकाश बोथरा, विनोद लूनिया, श्यामजी पटेल, नितेश वर्मा, प्रदीप शर्मा, दिलीप शर्मा, कमल जैन, अभिनव डाकलिया, प्रवीण कोचर, अशोक कुमार शर्मा सरगुजा सहित गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी के डॉ अर्चना यादव एवं डॉ मनीष श्रीवास्तव भी विशेष रूप से उपस्थित थे। बड़ी संख्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, श्री माधव प्रेरणा केंद्र, वंदे मातरम मित्र मंडल सहित जैन समाज के लोग उपस्थित थे।
मुख्य वक्ता के रूप मे लेखक एवं प्रेरक वक्ता सीए संतोष जैन, दुर्ग
दिगंबर जैन मन्दिर बिलासपुर मे श्री माधव प्रेरणा केंद्र, सकल जैन समाज और भारतीय जैन संघटन बिलासपुर के द्वारा ” जैन समाज का राष्टृ निर्माण मे योगदान” विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया… जिसमे मुख्य वक्ता के रूप मे लेखक एवं प्रेरक वक्ता सीए संतोष जैन, दुर्ग आमंत्रित किये गए थे और बिलासपुर शहर के अनेक सम्माननीय नागरिक भी वक्ता के रूप मे उपस्थित थे.
सीए संतोष जैन ने तथ्य आधारित जनकारी प्रदान करते हुए कहा कि आज जैनो का भारत के राष्टृ निर्माण मे आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सभी क्षेत्रों मे महत्त्वपूर्ण योगदान है। जैन संपूर्ण जनसंख्या का मात्र 1% ही है परंतु उनका कुल इन्कम टैक्स मे लगभग 24%, कुल GDP मे 25%, कुल Export मे 20%, Daiomond और ज्वैलरी business मे पुरे विश्व का 65% है…. एक तरफ जैन समाज के लोग भारत के आर्थिक विकास और समृधि मे योगदान दे रहे है तो दूसरी तरफ जैन समाज के 20000 साधु संत पुरे देश मे लोगो को प्रेम, आनंद और प्रसंन्ता से जीवन जीने का मंत्र देकर लोगो का आंतरिक वैभव बढ़ा रहे है।
आरएसएस प्रचारक गणेश जी उन्होंने कहा भगवान महावीर स्वामी अहिंसा के पुजारी है और जैन समाज उनका इतिहास काफी लंबा चौड़ा है काफी बहुत अच्छा है। भगवान महावीर स्वामी ने जो संदेश दिया उसका पूरे विश्व में प्रचारित हो रहा है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने कहा कि भगवान महावीर स्वामी ने जो कहा है इसका विस्तृत व्याख्या की गई। उन्होंने कहा कि महावीर स्वामी के संदेश उपदेशों को आगे करने को प्रयासरत है।
प्रदीप देशपांडे…
छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य प्रदीप देशपांडे ने कहा कि जैन दर्शन या जैन धर्म ही ऐसा है जो भक्त से भगवान बनने का मार्ग बताता है। एक वक्त ने कहा कि अगर कोई एक ऐसा यंत्र बन जाए जो किसी के आनंद को माप सके तो दुनिया में सबसे ज्यादा आनंदित जैन साधु ही रहेंगे। जिनके पास कुछ भी नहीं है, जो सब कुछ त्याग चुके हैं, उसके बावजूद भी सबसे ज्यादा आनंद में वही रहते हैं।
डॉ अरिहंत जैन ने जैन समाज के योगदान के बारे में बताया कि जब महाराणा प्रताप की सेना हल्दीघाटी के मैदान में युद्ध कर रही थी तब एक जैन भामाशाह जी ने महाराणा प्रताप की सेना के लिए 2 करोड़ स्वर्ण मुद्राएं और चार करोड़ रजत मुद्राएं प्रदान की थी। इसी प्रकार रानी लक्ष्मीबाई की भी मदद एक जैन ने ही की थी। साथ ही उन्होंने कहा कि यह तो सभी को पता है कि गुरु गोविंद सिंह जी के पुत्रों के लिए जमीन टोडरमल जैन जी ने दी थी, उसके बाद जब टोडरमल जी से गुरु गोविंद सिंह जी ने उनके उपकार के लिए आभार व्यक्त किया तो टोडरमल जी ने कहा कि आप तो राष्ट्र के संरक्षक हैं, आप मुझे यह वर दीजिए कि मेरे पुत्र ना हो। जब गुरु गोविंद सिंह जी ने चौंका देने वाली बात के बारे में पूछा तो टोडरमल जी ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि मेरी आने वाली पीढ़ी यह बोले कि यह जमीन हमारे पूर्वजों की है, इसीलिए मैं चाहता हूं कि मेरे पुत्र ना हो।
डॉ अमित जैन….. भारतीय जैन संघटना बिलासपुर के जोन अध्यक्ष एवं जैन सभा बिलासपुर के सचिव डॉ अमित जैन ने बीजीएस एवं जैन समाज द्वारा दो वर्षों में किए गए समाज सेवा के कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया।
सुश्री सुनीता जैन ने कहा कि आध्यात्मिक गुरु भारतवर्ष के निर्माण में देश के सबसे शिक्षित शांत एवं अनुशासित जैन समाज का योगदान प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण रहा है। जब पूरा देश वर्ण व्यवस्था की बुराइयों एवं कर्मकांडों के अंधकार में डूबा हुआ था और मानवीय मूल्यों का पतन हो रहा था तब हमारे परम पूज्य 24 तीर्थंकरों ने अपने ज्ञान के प्रकाश अहिंसा, सत्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह से अंधकार में संसार में सूर्य का उजाला फैलाया।
जय कुमार जैन ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज जैन समाज के बड़े-बड़े तीर्थ में कई लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर परेशान किया जा रहा है। जिस पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए। जैन समाज एक शांत समाज है।