बिलासपुर(अमर छत्तीसगढ़) । प्रातः स्मरणीय, पतित पावन, परम पूज्य अनियत विहारी संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज की संलेखना पूर्वक समाधि विगत 18.0 2.2024 दिन रविवार को सूर्य उदय होने के पहले ही सूर्य अस्त हो गया। मूक माटी के रचियता मूक हो गये। ऐसे महान संत की संलेखना पूर्वक समाधि छत्तीसगढ़ की धरा पर होना छत्तीसगढ़ को विशेष स्थान का दर्जा देता है। सकल जैन समाज द्वारा समाधिस्थ आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनि राज के प्रति “विनयांजलि” एवं उनके द्वारा विश्व कल्याण, राष्ट्र कल्याण एवं आत्म कल्याण हेतु प्रशस्त मार्ग से प्रेरणा लेने तथा गुरुदेव को “श्री सुमन अर्पित” करने के लिए “विनयांजलि” सभा का आयोजन पूरे भारतवर्ष एवं भारत के बाहर विदेश में भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में बिलासपुर सकल जैन समाज के द्वारा भी एक आयोजन क्रांति नगर जैन मंदिर में भी किया जा रहा है ।
कार्यक्रम “विनयांजलि सभा” 25 फरवरी दोपहर 1:00 बजे से 3:00 बजे तक श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर क्रांति नगर में आयोजित होगी। जिसमें कार्यक्रम में आए अतिथिगण एवं सकल जैन समाज के सदस्य आचार्य श्री के चरणों में अपनी भावना व्यक्त करेंगे। “विनयांजलि सभा” के पूर्व तीनों मंदिर जी में सुबह 7:30 से मंगलाष्टक, अभिषेक, शांति धारा एवं “आचार्य छत्तीसी विधान” एवं आचार्य श्री की “पूजन” की जाएगी एवं अभिषेक एवं शांति धारा “बोलियो” के माध्यम से की जाएगी। तत्पश्चात् सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक सकल जैन समाज के भोजन की व्यवस्था श्रीमंत सेठ प्रवीण जैन, श्रीमती शकुन जैन, प्रशांत जैन सपरिवार के द्वारा की गई है। एवं 3:00 बजे से श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर सरकंडा के सामने “पूरी हलवा” का वितरण बाहुबली जैन, श्रीमती चंदा देवी जैन सपरिवार के द्वारा किया जाएगा साथ ही “संमति विहार” में भी गरीबों को फल वितरण शाम 4:00 बजे से 5:30 बजे तक किया जाएगा ।
इस कार्यक्रम में शहर के राजनीतिक, प्रशासनिक, शहर के बुद्धिजीवी’ सकल जैन समाज बिलासपुर एवं अन्य समाजों के पदाधिकारी इस कार्यक्रम में आचार्य श्री के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पण करेंगे।