राजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ़)। लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने वर्तमान सांसद संतोष पांडे को फिर से उम्मीदवार बनाया है। मोदी लहर चर्चाओं के अनुसार संतोष की नैया भी पार लगा सकती है। वैसे उनके ५ वर्षीय कार्यकाल में राजनांदगांव को छोडक़र ५ विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस का विधायक ही चुनकर आया है। वैसे भी राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र जो ४ जिलों में विभाजित है। पिछड़ा वर्ग बाहुल्य में साहू समाज की सर्वाधिक उपस्थिति कांग्रेस को साहू प्रत्याशी उतारने पर भाजपा प्रत्याशी को टक्कर दे सकती है। वैसे भी डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने साहू प्रत्याशी उतारा होता तो हार-जीत के समीकरण बदल सकते थे। राजनांदगांव विधायक विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, संतोष पांडे को दुबारा विजयी बनाने में सफल हुए तो उनका कद और भी बढ़ सकता है।
लोकसभा क्षेत्र सहित प्रदेश में ११ सांसद चुनकर आएंगे। वर्तमान में ९ भाजपा, २ कांग्रेस है। भाजपा ने सभी प्रत्याशी मैदान में उतार दिए है। कांग्रेस अलग-अलग संसदीय क्षेत्रों में विशेषकर राजनांदगांव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम शोसल मीडिया पर तो है लेकिन उन्होंने चुनाव लडऩे से स्पष्ट इंकार कर दिया है। फिर भी प्रदेश के संसदीय क्षेत्रों में कांग्रेस के पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, शिव डहरिया, धनेन्द्र साहू,ज्योत्सना महंत, विकास उपाध्याय, दीपक बैज, शशि सिंह, बीरेश ठाकुर, अनिला भेडिय़ा, लालजीत सहित कई नाम सामने आ रहे है लेकिन राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में मोदी लहर एवं संतोष पांडे के विरुद्ध कांग्रेस किसी पिछड़ा वर्ग को विशेषकर साहू को मैदान में उतारती है तो परिणाम अप्रत्याशित हो सकते है। भाजपा के कुछ जिम्मेदार लोग नाम नहीं छापने की शर्त पर संतोष पांडे को लेकर संतोष कम व्यक्त कर रहे है। कह रहे है कि इस बार राजनांदगांव से ही प्रत्याशी होना था संतोष पांडे का विधानसभा क्षेत्रों में जनसंपर्क व जनदर्शन कहीं दिखा नहीं है। कुछ वरिष्ठ भाजपा नेता यह भी कहते है कि डॉ. रमन जिस प्रकार से सुख-दुख परिवारिक कार्यक्रमों में पहुंचते है, श्री पांडे की उपस्थिति क्षीण रही है लेकिन कलेक्टोरेट एवं जिला पंचायत की बैठकों में उनकी लगातार उपस्थिति रही है। उनके समक्ष पार्टीजनों, कार्यकर्ताओं सभी प्रकोष्ठों को साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी बनी है। इसकी चर्चा उनके ही संगठन के लोग मतदाता भी करते है।
लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा का प्रचार-प्रसार प्रारंभ हो गया है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अभी भी उहापोह की स्थिति में दिखती है। जबकि उसके सामने में मोदी लहर एवं प्रत्याशी संतोष पांडे को टक्कर देने के लिए पिछड़ा वर्ग साहू समाज से प्रत्याशी दलेश्वर साहू, छन्नी साहू सहित कुछ नाम है। कांग्रेस ५ विधानसभा क्षेत्रों में विजयी हुई है। यह क्षेत्र पिछड़ा वर्ग साहू, लोधी बाहुल्य है। सभी स्तर पर मोदी लहर की चर्चा से संतोष पांडे निश्चिंत दिख रहे है। कांग्रेसजनों का कहना है कि पार्टी शीर्घ ही पिछड़ा वर्ग को लेकर प्रत्याशी उतारने के मामले में जल्दी निर्णय लें। वैसे भी प्रदेश के सभी लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस की स्थिति प्रत्याशी उतारने के मामले में अभी भी चर्चाओं का दौर मात्र चल रहा है। नाम तो राजनांदगांव से आधा दर्जन महिला-पुरुषों का अपनी दावेदारी के साथ चलवा रहे है। लेकिन घोषणा होगी तभी स्पष्ट होगा, कई कांग्रेसी संभवता चुनाव पूर्व पार्टी व पद भी छोड़ रहे है। बावजूद लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस का मतदाताओं, पार्टीजनों के पसंद का प्रत्याशी मैदान में उतरा तो मोदी लहर व संतोष पांडे के लिए भी टक्कर देने की स्थिति में आ सकता है। जिसकी चर्चा कांग्रेस पार्टी में हो रही है तथा आमजन भी जो भाजपा एवं उसके कार्यक्रमों व योजनाओं से प्रसन्न नहीं है उसकी भी सोच भिन्न हो सकती है। उल्लेखनीय है कि तीसरी बार चुने गए विधायक दलेश्वर साहू को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छग राज्य पिछड़ा वर्ग प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया था उन्होंने संसदीय क्षेत्र में सर्वाधिक राशि विकास निर्माण कार्यों के लिए पिछड़ा वर्ग प्राधिकरण मद से दी थी। अत: उनका संसदीय क्षेत्र में अच्छी पकड़ है साहू है पिछड़ा वर्ग है। भाजपा को टक्कर दे सकते है। यह चर्चा कांग्रेस-भाजपा दोनों के बीच होते दिखती है। जारी…