श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा
दुर्ग (अमर छत्तीसगढ़) 3 मई।
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या समणी निर्देशिका श्री विपुल प्रज्ञा जी एवं समणी आदर्श प्रज्ञा जी के दुर्ग प्रवास का तृतीय दिवस के सुमधुर संगान से सभाजनों में प्रेम पूर्वक रहने को प्रेरित किया।
मैं खुश … मेरा परिवार खुश … विषयक उद्बोधन में विस्तार से चर्चा करते हुए समणी निर्देशिका विपुल प्रज्ञा जी ने कहा कि परिवार में अनुशासन और मर्यादा का होना आवश्यक है। आगे समणी जी ने कहा कि धर्म को व्यवहार में लाएं। समता भाव से रहें।
कल 4 मई को प्रातःकालीन कार्यक्रम में प्रेक्षा प्रणेता आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के महाप्रयाण दिवस पर पुण्य स्मरण करते हुए अवदानों पर चर्चा की जाएगी।
प्रवचन सभा में संगठनों के पदाधिकारियों के साथ ही बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाओ की समृद्ध उपस्थिति रही।