केवल उन्हीं मंदिरों में आज भीड़ है जहां सुख मिलता है, सांसारिक जीवन छुड़ाने वाला मंदिर किसी को पसंद नहीं : श्री विरागमुनि जी

केवल उन्हीं मंदिरों में आज भीड़ है जहां सुख मिलता है, सांसारिक जीवन छुड़ाने वाला मंदिर किसी को पसंद नहीं : श्री विरागमुनि जी

आत्मस्पर्शी चातुर्मास 2024

रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 4 जुलाई। जैन दादाबाड़ी में आज से दस दिनों के बाद 15 जुलाई को जैन संत श्री विरागमुनि जी का भव्य प्रवेश होगा। मुनिजी का रायपुर प्रवेश हो चुका है और वे जिनवाणी की वर्षा करते हुए शहर के श्रावक-श्राविकाओं को लाभान्वित कर रहे हैं। जिनवाणी की वर्षा के क्रम में गुरूवार को दीर्घ तपस्वी श्री विरागमुनिजी के श्रीमुख से भाठागांव स्थित वॉलफोर्ट सिटी में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने प्रवचन का लाभ लिया।

रायपुर शहर में चल रहे प्रवचन की श्रृंखला के दौरान उन्होंने कहा कि अनादि काल से मिथ्या ने अपना साम्राज्य फैला कर रखा है। हम परमात्मा को खोज रहे है लेकिन हमें कौन चाहिए, जो सुख दे या जो संसार छुड़ा कर मोक्ष दिलाए। आज सिर्फ उन्हीं मंदिरों में भीड़ है जहां सुख मिलता है। सुखों को छुड़ाने वाला मंदिर किसी को पसंद नहीं। जहां सुख है वहां हमें दुख दिखता है और जहां दुख है वहां हमें सुख दिखता है। हम धर्म के तथ्यों को ठीक से समझ नहीं पाए, सारी दुनिया घुमकर भी हमें सुख नहीं मिला और हम उलझकर रह गए।

गुरु भगवंतों को भी डिस्काउंट नहीं, सभी जीवों से लेते है एनओसी
गुरु भगवंत ने आगे कहा कि हम प्रवचन में आते है और सिर्फ प्रवचन सुनने तक ही धार्मिक बने रहते है और बाहर जाकर सब भूल जाते हैं। हम एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देते है क्योंकि कोई हमें प्रैक्टिकल अनुभूति नहीं करवाता। आज सबको प्रैक्टिकल देखना है केवल प्रवचन जैसे धर्म की थ्योरी वाली बात सुनकर नहीं रहना है।

आप लोगों को लगता होगा कि यहां बैठकर प्रवचन करने वाले गुरु भगवंतों ने दीक्षा ले ली है तो उन्हें डिस्काउंट मिल गया होगा और उनको मोक्ष को प्राप्त करना सुनिश्चित हो गया होगा। जबकि ऐसा नहीं है मोक्ष पाने के लिए हमें इस संसार के सभी जीवों से एनओसी लेना पड़ेगा।

अगले जन्म में अगर पेड़ भी बनते हो तो उसमें भी तुलसी बनोगे तो ही पूजा जाओगे, अन्य पेड़ बनोगे तो और लोग काट कर जला देंगे। वैसे ही व्यक्ति अपने सुखों के लिए ना जाने कितने जीवों का खात्मा कर देता है और उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। अपने जीभ के स्वाद के लिए कई जीवों का खात्मा भी करना पड़े तो भी वह करता है पर खाना नहीं छोड़ता, खाने का हर स्वाद उसे चाहिए। इन सारी चीजों के बारे में आपने पहले भी सुन चुका है और यह सब आप जानते भी हो फिर भी आप पाप करते वक्त चिंतन नहीं करते हो।

भगवान से मांगने से पहले अपने अंदर झांककर देखो
गुरु भगवंत कहते है कि आपको अपने अंदर परिवर्तन लाना है, आपको विचारशील बनना है। आप रोज पूजा करके भगवान से मांगते हो पर अपनी आत्मा को झांककर नहीं देखते, आपके अंदर ही सुधार नहीं है तो आपको कभी कुछ मिलने वाला नहीं है। वैसे ही आप कितना भी धन कमा लो अगर अगले जन्म में गधे बन गए तो आपको जीवनभर ढोना ही पड़ेगा। केवल धर्म कमाने के लिए पूजा ही काफी नहीं आपको पुण्य भी करना होगा। आपने गर्मी में ठंडा पानी या कोल्ड्रिंक पिया होगा तो आपको मजा आया होगा। वैसे ही स्वादिष्ट खाना खाया तो आपको मजा आया होगा। आप बस ऐसे ही मजा लेते रहोगे तो कर्मसत्ता भी आपके मजे लेने में पीछे नहीं रहेगी।

आत्मस्पर्शी चातुर्मास समिति 2024 के अध्यक्ष पारस पारख और महासचिव नरेश बुरड़ ने बताया कि जिनवाणी की वर्षा के क्रम में 05, 06 और 07 जुलाई को विवेकानंद नगर में सुबह 8.45 से 9.45 बजे मुनिश्री का प्रवचन होगा। आप सभी से निवेदन है जिनवाणी का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।

Chhattisgarh