आत्मस्पर्शी चातुर्मास 2024
रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 6 जुलाई। जैन संत श्री विरागमुनि जी का रायपुर प्रवेश हो चुका है और वे जिनवाणी की वर्षा करते हुए शहर के श्रावक-श्राविकाओं को लाभान्वित कर रहे हैं। जिनवाणी की वर्षा के क्रम में शनिवार को दीर्घ तपस्वी श्री विरागमुनिजी के श्रीमुख से विवेकानंद नगर में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने प्रवचन का लाभ लिया। रायपुर शहर में चल रहे प्रवचन श्रृंखला के दौरान उन्होंने कहा कि जिस दिन आप अध्यात्म की ओर चलने लगोगे उसे दिन आपको सही गलत का भान होने लगेगा। जबकि वर्तमान समय में आज मोक्ष को प्राप्त करने की इच्छा किसी में नहीं बची है, लोगों को दुनिया में नाम कमाना है और इस भेड़चाल में सब तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं। हम परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाने की सोचते हैं और जब हम इसे अनुकूल बना लेते हैं तो हम कुछ भी कर सकते हैं। ऐसा बाहरी दुनिया में लोग अपने ऐश्वर्य के लिए करते हैं, वैसे ही हमें धर्म के प्रति अनुकूल माहौल बनाना होगा।
मुनिश्री कहते है कि संसार में तीन प्रकार के रोग हैं, पहला शरीर का रोग, दूसरा मन का रोग और तीसरा आत्मा का रोग। बात करते हैं शरीर के रोगों की, तो कभी बुखार आ जाए, सर्दी खांसी हो जाए तो हम दवा ले लेते हैं और वह ठीक हो जाती है। दूसरा होता है मन का रोग, अगर यह मन का रोग आपको लग गया तो इसका इलाज बाहर की दुनिया में आपको कहीं नहीं मिलेगा। मन के रोग का इलाज आप नहीं कर पाओगे क्योंकि आज 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग अपने पड़ोसी की तरक्की, रिश्तेदारों की बढ़त से दुखी होते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि दूसरों की जेब देखकर अगर आपकी टेंशन बढ़ती है तो इसका इलाज किसी मनोवैज्ञानिक के पास नहीं मिलेगा। जबकि जगत में कोई सुख दुख जैसी चीज है ही नहीं, यह सब मन का वहम है। 50 डिग्री टेंपरेचर में कोई बल्लेबाज अगर रिकॉर्ड तोड़ने के बहुत करीब पहुंच जाता है तो वह बहुत ही आनंदित महसूस करता है उसे 50 डिग्री टेंपरेचर में भी गर्मी का एहसास नहीं होता। जबकि कोई स्वार्थी बल्लेबाज भारी गर्मी में खेलना चाहे तो वह जैसे-जैसे अपना दायित्व पूरा करके वापस पवेलियन लौटना चाहेगा और एक रूम में बैठकर कोल्डड्रिंक पीना पसंद करेगा। हमें जीवन में ऐसा ही परिवर्तन लाना है कि परिस्थिति कैसे भी हो लेकिन हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है, मोक्ष को प्राप्त करना है केवल धर्मस्थल आने से काम नहीं चलेगा।
श्री ऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया और कार्यकारी अध्यक्ष अभय कुमार भंसाली ने बताया कि जिनवाणी की वर्षा के क्रम में 07 जुलाई को विवेकानंद नगर में सुबह 8.45 से 9.45 बजे मुनिश्री का प्रवचन होगा। आप सभी से निवेदन है जिनवाणी का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।