समभाव में रहना सीख जाए तो जीवन हो जाएगा खुशहाल- इन्दुप्रभाजी मसा…. सुखी रहना है तो अकड़ना,पकड़ना व झगड़ना छोड़ दे- दर्शनप्रभाजी म.सा.

समभाव में रहना सीख जाए तो जीवन हो जाएगा खुशहाल- इन्दुप्रभाजी मसा…. सुखी रहना है तो अकड़ना,पकड़ना व झगड़ना छोड़ दे- दर्शनप्रभाजी म.सा.

सूरत के गोड़ादरा स्थित महावीर भवन में चातुर्मासिक प्रवचन

सूरत(अमर छत्तीसगढ), 23 जुलाई। जीवन में दुख ओर सुख का आना-जाना लगा रहता है जो इनमें समभाव रखता है उसका कल्याण हो जाता है। जीवन में खुशहाल रहना है समभाव में रहना सीख जाना चाहिए। जिनशासन हमे समभाव से जुड़ने की प्रेरणा देता। समय का महत्व भी जीवन में समझ लेना चाहिए। समय किसी का इन्तजार नहीं करता जो समय की कीमत नहीं समझता भविष्य में उसकी भी कीमत नहीं रह जाती है।

चातुर्मास का समय भी अनमोल है जो इसका लाभ उठाएगा उसका जीवन आनंदकारी बन जाएगा। ये विचार मरूधरा मणि महासाध्वी जैनमतिजी म.सा. की सुशिष्या सरलमना जिनशासन प्रभाविका वात्सल्यमूर्ति इन्दुप्रभाजी म.सा. ने मंगलवार को श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ गोड़ादरा के तत्वावधान में महावीर भवन में चातुर्मासिक प्रवचन के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि तपस्या करके केवल तन की शुद्धि ही नहीं होती वरन आत्मा भी निर्मल व पावन बन जाती है।

ऐसे में चातुर्मास में हम से जो भी तप त्याग हो सके वह अवश्य करना चाहिए। धर्मसभा में रोचक व्याख्यानी प्रबुद्ध चिन्तिका डॉ. दर्शनप्रभाजी म.सा. ने कहा कि जिनदर्शन का आधार हमे 32 आगम है। उन आगम की वाणी को ही चातुर्मास में श्रवण कराने का प्रयास किया जाता है। आगम के अनुसार जीवन जीने का लक्ष्य हम सभी का रहना चाहिए। जीवन में सुखी रहना चाहते है तो धर्म के बताए मार्ग पर चलना चाहिए ओर अकड़ना,पकड़ना व झगड़ना छोड़ देना चाहिए। जो भौतिक सुखों को छोड़ त्याग की तरफ नहीं जाता उसके जीवन में भटकाव बना रहता है।

सर्वसुखकारी घण्टाकर्ण महावीर स्रोत का जाप

सुबह 8.45 से 9.15 बजे तक सर्वसुखकारी व विध्ननाशक घण्टाकर्ण महावीर स्रोत जाप का आयोजन किया गया। तत्वचिंतिका आगमरसिका डॉ. समीक्षाप्रभाजी म.सा. ने ये जाप सम्पन्न कराया। उन्होंने इस जाप का महत्व भी समझाया। इसमें बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लेकर सभी कष्टों के दूर होने एवं सर्वकल्याण की कामना की। चातुुर्मासकाल में प्रत्येक मंगलवार को सुबह 8.30 से 9.15 बजे तक इस जाप का आयोजन होगा।

सेवाभावी दीप्तिप्रभाजी म.सा. एवं विद्याभिलाषी हिरलप्रभाजी म.सा. ने भजन की प्रस्तुति दी। धर्मसभा में आगम मर्मज्ञा डॉ. चेतनाश्रीजी म.सा. का भी सानिध्य रहा। कई श्रावक-श्राविकाओं ने बेला,उपवास,आयम्बिल, एकासन आदि तप के भी प्रत्याख्यान लिए। अतिथियों का स्वागत श्रीसंघ द्वारा किया गया। संचालन श्रीसंघ के उपाध्यक्ष राकेश गन्ना ने किया।

हर शनिवार बालिकाओं व रविवार को युवाओं के लिए क्लास

चातुर्मास में प्रतिदिन प्रतिदिन सुबह 8.45 से 10 बजे तक प्रवचन एवं दोपहर 2 से 3 बजे तक नवकार महामंत्र का जाप हो रहे है। जाप में भी प्रतिदिन कई श्रावक-श्राविका शामिल हो रहे है। प्रतिदिन दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक धर्म चर्चा का समय तय है। चातुर्मास में प्रतिदिन दोपहर 2 से 3 बजे तक नवकार महामंत्र का जाप भी हो रहा है। हर रविवार सुबह 7 से 8 बजे तक युवाओं को धर्म संस्कार प्रदान करने के लिए क्लास होगी। इसी तरह हर शनिवार रात 8 से 9 बजे तक बालिकाओं के लिए क्लास होगी। प्रत्येक रविवार को बाल संस्कार शिविर व दोपहर में प्रश्न मंच का आयोजन भी होगा।

सम्पर्क
सुनीता डांगी, मो.7405231817
राकेश गन्ना मो. 9898393336
चातुर्मास प्रचार-प्रसार समिति,गोड़ादरा,सूरत

प्रस्तुतिः निलेश कांठेड़
अरिहन्त मीडिया एंड कम्युनिकेशन,भीलवाड़ा
मो.9829537627

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