काठमाण्डौ नेपाल (अमर छत्तीसगढ़) 25 जुलाई। युगप्रधान महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री रमेश कुमार जी ठाणा-2 के पावन सान्निध्य में तेरापंथ सभा द्वारा तप अनुमोदन का कार्यक्रम आयोजित हुआ।
काठमाण्डौ में तपस्या का अच्छा क्रम चल प्रारंभ हो गया है। आज तेरापंथ कक्ष स्थित महाश्रमण सभागार में युवा तपस्वी करण जी घिया ( सुपुत्र आशकरण जी घिया) , बाल तपस्वी सक्षम घिया सुपुत्र ( करण जी घिया) ने अट्टाई तप का प्रत्याख्यान किया। पिता पुत्र की जोङी ने एक साथ अट्ठाई तप करके अच्छी हिम्मत का परिचय दिया है। बालक सक्षम दस वर्ष की आयु में दूसरी बार अट्ठाई तप किया है।
तपस्वी को आशीर्वाद प्रदान करते हुए मुनि रमेश कुमार ने कहा- धार्मिक संस्कृति में तपस्या का सर्वोपरी स्थान है। मंजिल पर चढने के लिए सीढियों का सहारा लिया जाता है। वैसे ही आत्म रुपी मंजिल पाने के लिए तपस्या सहारा है। आज पिता पुत्र की जोङी का तप अनुमोदन की जा रही है। काठमाण्डौ का घिया परिवार धार्मिक, संस्कारी और तपस्वी परिवार है। बालक ने अपने नाम को अट्ठाई तप करके सार्थक बनाया है। तपस्या की यह जोङी सदा तपस्या के क्षेत्र में आगे बढती रहे यही आशीर्वाद है।
तेरापंथ सभा के मंत्री पवन जी सेठिया ने तपस्वी भाई का परिचय दिया। समाज की सभी संस्थाओं की ओर से तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती निशा जैन ने तप अनुमोदन की। घिया परिवार ने सामूहिक तप गीत गाकर तपस्वियों का अनुमोदन की। कृष्णा घिया व विजय घिया ने भी तप अनुमोदन में अपने विचार व्यक्त किये।