ग्रेटर हैदराबाद श्रीसंघ के तत्वावधान में विशेष प्रवचन….. नौकरी या व्यवसाय में गलत तरीके से लाभ कमाने पर भी अन्तराय कर्म का बंध…. दूसरों की सफलता देखकर जीवन में कभी मत जलों अन्यथा खुद होंगे मुसीबत में- समकितमुनिजी…. काचीगुड़ा संघ में छाने लगी तपस्या की बहार

ग्रेटर हैदराबाद श्रीसंघ के तत्वावधान में विशेष प्रवचन….. नौकरी या व्यवसाय में गलत तरीके से लाभ कमाने पर भी अन्तराय कर्म का बंध…. दूसरों की सफलता देखकर जीवन में कभी मत जलों अन्यथा खुद होंगे मुसीबत में- समकितमुनिजी…. काचीगुड़ा संघ में छाने लगी तपस्या की बहार

हैदराबाद(अमर छत्तीसगढ़), 27 जुलाई। जिंदगी में कभी भी किसी की सफलता देख कर नहीं जलना चाहिए और न ही दूसरों के बनते कार्य में रोडे डालने या टांग अड़ानी चाहिए। दूसरों की सफलता से ईर्ष्या करके उसका कुछ नुकसान हो न हो पर हम लाभ अंतराय कर्म का बंध अवश्य कर अपने जीवन के लिए मुसीबते आमंत्रित कर लेते है।

हमे पता ही नहीं चलता ओर कर्मो का बंधन हो जाता है। लाभ अंतराय कर्म तोड़ना है तो कभी दूसरों के बनते काम को बिगाड़ने का प्रयास नहीं करना चाहिए। ये विचार श्रमण संघीय सलाहकार राजर्षि भीष्म पितामह पूज्य सुमतिप्रकाशजी म.सा. के ़सुशिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि पूज्य डॉ. समकितमुनिजी म.सा. ने ग्रेटर हैदराबाद संघ (काचीगुड़ा) के तत्वावधान में पूनमचंद गांधी जैन स्थानक में शनिवार को ’’कमाई कैसे बढ़ाए’’ विषय पर विशेष प्रवचन में व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि अंतराय कर्म जब तक उदय में रहता है व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में कितना भी परिश्रम करे उसे लाभ नहीं होता है या पैसा आता तो है लेकिन टिकता नहीं है। आगमों में बताया गया है कि श्रावक किस तरह मनी मैनेजमेंट कर अपना भविष्य सुरक्षित कर सकता। उन्होंने ऋण लेकर दिखावे की प्रवृति से बचने की नसीहत देते हुए कहा कि दिखावा इतना हावी हो गया है कि कर्ज लेकर भी आदमी दिखाने को तैयार है।

व्यक्ति उपर से मजबूत पर अंदर से खोखला होता जा रहा है। प्रॉपर मनी मैनेजमेंट होने पर कभी दिवाले की नौबत नहीं आएगी। समकितमुनिजी ने कहा कि कमाने के साथ बचत की आदत डाले लेकिन इसके नाम पर कंजूसी नहीं करे। इच्छाएं सीमित कर लो लेकिन जिंदगी में कभी ब्याज पर पैसा मत लो। मुनिश्री ने कहा कि लाभ अंतराय कर्म होने पर कड़ी मेहनत करने पर भी उम्मीद के मुताबिक लाभ नहीं मिलता।

नौकरी या व्यवसाय में गलत तरीके से लाभ कमाने पर भी इस कर्म का बंध हो जाता है। ऐसे में कभी गलत प्रतिस्पर्धा नहीं करनी चाहिए। अपनी नियत साफ रखने के साथ अपने पर व अपने धर्म पर भरोसा रखना चाहिए। ऐसा करने पर देर हो सकती लेकिन लाभ मिलेगा अवश्य।

किस तरह क्षय हो सकता लाभ अन्तराय कर्म

समकितमुनिजी ने लाभ अन्तराय कर्म कैसे क्षय(खत्म) हो सकता इस बारे में चर्चा करते हुए कहा कि जीवन में हमेशा शुभ लाभ होना चाहिए। लाभ अशुभ होने पर अंतराय कर्म बंधता है। लाभ शुभ होने पर ही बरकत करेगा अन्यथा पैसा आकर भी चला जाएगा। कभी सामने वाले को बिना देखे-परखे अपने से कम नहीं आंकना चाहिए अन्यथा बाद में पछताना पड़ता है। इसी तरह घर से बाहर कार्यस्थल के लिए निकले ओर जहां भी कार्य करे हमेशा मंगल की शरण में रहे ओर किसी के प्रति बुरी भावना नहीं रखे। हम जो भी कार्य करे उसे कभी छोटा नहीं समझते हुए पूर्ण मनोयोग से करेंगे तो लाभ अवश्य होगा। नुकसान होने से पहले भी ओर लाभ होने के बाद भी पैर हमेशा जमीन पर रहने चाहिए।

कमाई का कोई शॉर्टकट नहीं जो रातोरात बना सके अमीर

पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने श्रावकों विशेषकर युवाओं को मेहनत से कमाई करने की नसीहत देते हुए कहा कि कमाई का कोई भी शॉर्टकट आपको रात-रात अमीर तो नहीं बना सकता लेकिन जो पैसा आपके पास है वह भी गंवा बर्बाद हो सकते है।मुनिश्री ने कहा कि हैरानी की बात है पढ़े-लिखे युवा दस रूपए से दस लाख बनाने जैसा झांसा देने वाली कंपनियों के जाल में फंस भविष्य खराब कर लेते है। बच्चों को हमेशा कहना चाहिए कि कमाई कम है तो कोई बात नहीं पर ऐसे शॉर्टकट के चक्क्र में मत पड़ो। कभी उड़ने की कोशिश मत करो पैर जमीन पर रखकर आगे बढ़ने का प्रयास करते रहो सफलता मिलेगी। उड़ने की कोशिश में नीचे गिरे तो बचाने वाला कोई नहीं होगा।

काचीगुड़ा संघ में छाने लगी तपस्या की बहार

पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा की प्रेरणा से काचीगुड़ा (ग्रेटर हैदराबाद) संघ के प्रांगण में तपस्या की बहार छाने लगी है। संघ में तप साधना की अविरल धारा प्रवाहित हो रही है। शनिवार को प्रवचन के दौरान पूज्य समकितमुनिजी म.सा. के मुखारबिंद से सुश्राविका डिम्पल बम्ब ओर आंचल गुगलिया ने 9-9 उपवास के प्रत्याख्यान लिए तो श्राविका प्रिया पिंचा व युवा श्रावक अरिष्ठ तातेड़ ने 8-8 उपवास एवं श्राविका नंदा तातेड़ ने 7 उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किए तो पांडाल तपस्वियों की अनुमोदना व जयकारों से गूंजायमान हो उठा।

मुनिश्री ने तपस्वियों के लिए मंगलभावना व्यक्त की। प्रवचन के शुरू में गायनकुशल जयवंत मुनिजी म.सा. ने ‘जिनशासन रो सहारो में पायो जी’ भजन की प्रस्तुति दी। धर्मसभा में प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। धर्मसभा का संचालन ग्रेटर हैदराबाद श्रीसंघ के महामंत्री सज्जनराज गांधी ने किया। चातुर्मास के तहत प्रतिदिन प्रवचन सुबह 8.40 से 9.40 बजे तक हो रहा है।

विधिपूर्वक शुरू हुई 18 दिवसीय पुण्यकलश आराधना

पूज्य समकितमुनिजी म.सा. के सानिध्य में शनिवार से 18 दिवसीय पुण्यकलश आराधना विधानपूर्वक शुरू हो गई। आत्मकल्याण का लक्ष्य पाने के लिए इस साधना के साथ सैकड़ो श्रावक-श्राविकाएं जुड़े है। इस आराधना-साधना के माध्यम से अशुभ कर्मो की निर्जरा करने और पुण्यार्जन करने का दोहरा लाभ प्राप्त हो रहा है। इस आराधना के तहत एक दिन उपवास एवं एक दिन बिआसना की विधिपूर्वक आराधना होगी।

पहले दिन बियासना की साधना हुई। जिन श्रावक-श्राविकाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था उन्हें प्रवचन के बाद अलग से इसकी आराधना की विधि समझाई गई ओर किस तरह पुण्य का खजाना भर खुशियां हासिल की जा सकती इस बारे में बताया गया। इस आयोजन के तहत 13 अगस्त तक प्रतिदिन प्रवचन के बाद पुण्य कलश आराधना होगी। इसमें शामिल होने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों से कई श्रावक-श्राविकाएं हैदराबाद पहुंचे है।

कल सुबह समकित सामायिक एवं दोपहर में सास-बहू रिश्ते पर विशेष प्रवचन

रविवार सुबह नियमित प्रवचन के साथ समकित सामायिक का आयोजन होगा। दोपहर 2.30 से 4 बजे तक काश मेरी सास ऐसी होती विषय पर विशेष प्रवचन के माध्यम से सास-बहू दिवस मनाया जाएगा। प्रवचन के बाद सबसे सुंदर पारम्परिक वेशभूषा, सबसे धार्मिक ओर सबसे इंटिलिजेंट सास-बहु जैसी प्रतियोगिता का आयोजन भी सास-बहु की जोड़ी के लिए होगा। चातुर्मास के दौरान 13 वर्ष तक के बच्चों के लिए 3 से 17 अगस्त तक अखिल भारतीय स्तर पर चन्द्रकला द्रव्य मर्यादा तप का आयोजन होगा। इसमें सहभागी बनने के लिए अब तक देशभर से सैकड़ो बच्चें पंजीयन करा चुके है। चातुर्मास में प्रतिदिन रात 8 से 9 बजे तक चौमुखी जाप का आयोजन भी किया जा रहा है।

निलेश कांठेड़
मीडिया समन्वयक, समकित की यात्रा-2024
मो.9829537627

Chhattisgarh