मन में रखे दया,करूणा व अहिंसा का भाव,खुल जाएंगे मोक्ष के द्वार-कंचनकंवरजी मसा…. पूज्य गुरूणी कानकंवरजी म.सा. की पुण्यस्मृति में सामूहिक एकासन तप की आराधना

मन में रखे दया,करूणा व अहिंसा का भाव,खुल जाएंगे मोक्ष के द्वार-कंचनकंवरजी मसा…. पूज्य गुरूणी कानकंवरजी म.सा. की पुण्यस्मृति में सामूहिक एकासन तप की आराधना

भीलवाड़ा(अमर छत्तीसगढ), 28 जुलाई। पूज्य गुरूणी कानकंवरजी म.सा. की पुण्यस्मृति में श्रीसंघ महावीर भवन बापूनगर के तत्वावधान में तीन दिवसीय समारोह के दूसरे दिन रविवार को श्रमण संघ के प्रथम युवाचार्य पूज्य श्री मिश्रीमलजी म.सा.‘मधुकर’ के प्रधान सुशिष्य उप प्रवर्तक पूज्य विनयमुनिजी म.सा.‘भीम’ की आज्ञानुवर्तिनी शासन प्रभाविका पूज्य महासाध्वी कंचनकुंवरजी म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में सामूहिक एकासन तप की आराधना की गई।

सामूहिक एकासन से पूर्व धर्मसभा में साध्वी कंचनकंवरजी म.सा. ने कहा कि चातुर्मास के चार माह जीवन से निकाल दिए जाए तो वर्ष के शेष आठ माह हमारे किसी कार्य के नहीं रह जाएंगे। चातुर्मासकाल में जो धर्म साधना करेंगे उसका लाभ पूरे वर्ष हमे मिलेगा इसलिए जिनवाणी श्रवण करने ओर धर्म साधना करने का जो अवसर हमे मिला है उसका भरपुर लाभ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि दया,करूणा व अहिंसा का भाव हमारे मन में हमेशा रहना चाहिए।

इन भावों के रहने पर ही इंसान की मुक्ति का मार्ग खुलता है। मन में करूणा भाव रखे बिना हम दूसरों को अपना नहीं बना सकते। जिसके मन में करूणा व दया के भाव रहते है वह कभी गलत कार्य नहीं कर पाएगा। धर्मसभा में प्रखर वक्ता साध्वी डॉ.सुलोचनाश्री म.सा. ने कहा कि जीवन में बदलाव आते है लेकिन धर्म का मर्म हमेशा वहीं रहता है। जो धर्म से जुड़ा रहता है वह सुख हो या दुःख समभाव में रहना सीख हर कठिन परिस्थिति का भी कुशलतापूर्वक सामना कर लेता है।

धर्म की शरण लेने वाले के जीवन में मुश्किले आकर चली जाती लेकिन उसका जीवन सहजतापूर्वक चलता है। जिनवाणी श्रवण करने का अवसर पुण्योदय से मिलता है इसलिए इसे छोड़ना नहीं चाहिए। मधुर व्याख्यानी डॉ. सुलक्षणाश्री म.सा. का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। धर्मसभा में श्री पार्श्वनाथ नवयुवक मण्डल सेवा समिति के तत्वावधान में संचालित जैन पाठशाला के उन बच्चों को पुरस्कृत किया गया जिन्होंने सामयिक सूत्र एवं प्रतिक्रमण कंठस्थ कर लिया।

इनमें दिवि डागा,मीरव डागा, सिद्धिका खाब्या, जियांशी संचेती, भाविका खमेसरा, हर्ष पामेचा, रूतवी पामेचा, श्रेयांश गुगलिया आदि बच्चें शामिल थे। पुरस्कार श्रीसंघ के महामंत्री दलपत सेठ कुसुम सेठ एवं परिवार की ओर से दिए गए। पाठशाला में बच्चों को धर्मज्ञान प्रदान करने वाली सुश्राविका पूनम संचेती ने अधिकाधिक बच्चों को भिजवाने की अपील की। प्रवचन के अंत में सामूहिक एकासन तप कर रहे श्रावक-श्राविकाओं ने प्रत्याख्यान लिए। प्रवचन के बाद प्रश्नमंच प्रतियोगिता हुई जिनमे कई श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लिया।


दोपहर 12.15 बजे महावीर भवन में सामूहिक एकासन का आयोजन किया गया। एकासन की व्यवस्था में श्रीसंघ के संरक्षक लादूलाल बोहरा, उपाध्यक्ष प्रकाश नाहर, चंदनबाला महिला मण्डल की अध्यक्ष आशा चौधरी, मंत्री रेखा नाहर, पार्श्वनाथ नवयुवक मंडल के मंत्री कुलदीप गुगलिया आदि ने भी सहयोग प्रदान किया। एकासन के लाभार्थी चंचलमल, ललितकुमार,सुनीलकुमार कर्णावट परिवार रहा।

कल होगा गुणानुवाद सभा का आयोजन

श्रीसंघ के संरक्षक लादूलाल बोहरा ने बताया कि पूज्य गुरूणी कानकंवरजी म.सा. की पुण्यस्मृति में तीन दिवसीय समारोह के अंतिम दिन सोमवार को सुबह 9 बजे से महासाध्वी मण्डल के सानिध्य में गुणानुवाद सभा का आयोजन कर पूज्य गुरूणी कानकंवरजी म.सा. के प्रति भाव अभिव्यक्ति की जाएगी। पूज्य कंचनकंवरजी म.सा. ने इस अवसर पर सभी को दो-दो सामायिक का लाभ लेने की प्रेरणा दी है। चातुर्मास के तहत प्रतिदिन सुबह 9 से 10 बजे तक प्रवचन हो रहे है।

प्रतिदिन दोपहर 2 से 3 बजे तक नवकार महामंत्र का जाप भी महावीर भवन के प्रांगण में हो रहा है। पूज्य साध्वीप्रवर के सानिध्य में हर रविवार को नवयुवक मण्डल ओर महिला मण्डल की क्लास आयोजित कर धर्म ज्ञान पर चर्चा हो रही है।

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