रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) 29 जुलाई। शीतलराज मुनि के सानिध्य में आज पुजारी पार्क में मनाया दया दिवस, बड़ी संख्या में महिला-पुरुषों, बच्चों ने सामायिक प्रतिक्रमण किया। वहीं आज शीतल राज मुनि ने भगवान महावीर स्वामी के संदेशों को विशद रुप से प्रस्तुत करते हुए कहा कि भव्य जीवों का उद्धार करने वाले दुखों का नाश करने वाले, तीनों लोक में ज्ञानरुपी घोर अंधकार है।
कुछ झणों के लिए महाप्रभु ने हमें विशद मार्गदर्शन किया। उन्होंने स्वाध्याय के द्वारा अज्ञान, अंधकार को दूर कर ज्ञान के प्रकाश में अपने पराए का अनुभव भी कराया। उन्होंने सामायिक स्वाध्याय पर बोलते हुए कहा कि आज एक सामायिक करना भी दुर्लभ होता है, जबकि मन वचन काया से इस शुद्ध करें। उन्होंने कहा कि सामायिक का महत्व नहीं जानने से किसी भी प्रकार का दान कम है भले दस लाख गायों का दान करें।
लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण रोज सामायिक करना समस्त जीवों को अभयदान देना जरुरी है। उन्होंने कहा कि धन से कभी शांति नहीं होने वाली, सामायिक के दो नियम है। स्वयं चिंतन मनन करें, जैन सिद्धांत जीवन के निर्माण की पहली सीढ़ी विनय है। उन्होंने प्रतिक्रमण पर भी श्रावक-श्राविकाओं को जानकारी दी तथा करेमि भन्ते सामायिक लेने का पाठ की। विशद जानकारी देते हुए कहा कि पश्चाताप में बहुत शक्ती है, पापों की आलोचना करें। उन्होंने चंदल बाला का उदाहरण भी दिया।
महापुरुषों की बातें सुनाकर नई पीढ़ी के बीच यह जानकारियां भी प्रस्तुत करें। पश्चाताप सुधरने का अवसर मिलेगा। विनय जो कि समाप्त होते जा रहा है जिसे देखना है राजा श्रेणीक के संबंध में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा हमारे मोक्ष मार्ग के साधना में करेमि भन्ते का संदर्भ जानना होगा।
आज भी बड़ी संख्या में उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं ने प्रारंभ में जैन समाज के प्रमुख श्री भंडारी ने उपस्थित जनों के आयंबिल, निवि, एकासना, उपवास, बेला, तेला, इत्यादि को लेकर श्रावक-श्राविकाओं द्वारा की गई घोषणा की जानकारी दी। मुनि शीतलराज ने सभी को आर्शीवाद दिया। मांगलिक का लाभ भी बड़ी संख्या में उपस्थितजनों ने लिया तथा नियमित सामायिक का पाठ भी उपस्थित महिला-पुरषों ने आज किया।