काठमाण्डौ नेपाल (अमर छत्तीसगढ़) 2 अगस्त।
भगवान महावीर ने जीवन जीने की कला सिखाई। जीवन शैली के जो उपाय बताये उनकी आज भी उपयोगिता है। शैली शब्द पर विमर्श करें इसे समझे। शैली शील शब्द से बना है। शील शब्द का अर्थ है स्वभाव। शैली का अर्थ है व्यवहार। जैनियों की प्राचीन जीवन शैली को आचार्य श्री तुलसी ने नवीनीकरण करके जैन जीवन शैली नाम दिया। यह जैन जीवन शैली सभी के लिए उपयोगी है। इस नव आयामी शैली को अपनाकर स्वस्थ समाज संरचना का स्वप्न साकार किया जा सकता है।
उपरोक्त विचार आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार जी ने तेरापंथ कक्ष स्थित महाश्रमण सभागार में आज “जैन जीवन शैली” पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये।
मुनि रमेश कुमार जी ने इस अवसर पर जैन जीवन शैली गीत का संगान करते हुए। जैन जीवन शैली के नौ सूत्रों को अपनाने की प्रेरणा दी।
इस अवसर पर मुनि रत्न कुमार जी ने अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये।