प्रार्थना, प्रवचन, अतापना, मौन मांगलिक, प्रतिक्रमण, धर्म चर्चा निर्धारित समय पर जारी…… शुभ लक्ष्मी पुण्य के कर्मों से आती है, वहीं राक्षसी लक्ष्मी गलत कामों से- मुनि शीतलराज जी

प्रार्थना, प्रवचन, अतापना, मौन मांगलिक, प्रतिक्रमण, धर्म चर्चा निर्धारित समय पर जारी…… शुभ लक्ष्मी पुण्य के कर्मों से आती है, वहीं राक्षसी लक्ष्मी गलत कामों से- मुनि शीतलराज जी


रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) 3 अगस्त । स्थानीय पुजारी पार्क स्थित मानस भवन में गत 1 पखवाड़े से आडा आसन त्यागी, सूर्य अतापना धारी शीतलराज मसा ने आज कहा शुभ लक्ष्मी एवं राक्षसी लक्ष्मी क्या होती है कैसे होती है इनसे अच्छे परिणाम, कु परिणाम कैसे आते है।

शुभ लक्ष्मी जहां पुण्य के कर्मों से आती है वहीं राक्षसी लक्ष्मी गलत कामों से निकलती है। जिसका लाभ नहीं होता। गत 15 दिन से शीतलराज मुनि का सामायिक स्वाध्याय का रायपुर में नया अध्याय को लेकर दिए गए प्रवचन का लाभ हजारों लोगों ने लिया है तथा यह क्रम नियमित रुप से उनके सानिध्य में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविका, बालक-बालिका पुजारी पार्क के मानस भवन में ले रहे है।

पिछले एक पखवाड़े में शीतलराज मुनि ने नई पीढ़ी के साथ अधिकांश सामायिक सूत्र को उपस्थितजन आत्मसात करते दिख रहे है। एक पखवाड़े में सामायिक लेने की विधि, सामायिक पारने की विधि, सामायिक के 32 दोष जिसमें मन के दस, वचन के दस एवं काया के 12 दोषों से उपस्थितजन रुबरु हुए।

नित्यप्रति तीर्थंकरों, विहरमान, तीर्थंकर भगवान महावीर के विषय में लगातार उपस्थित श्रावक-श्राविका लाभांवित हो रहे है। शीतलराज मुनि जैन तत्वों का परिचय, गतियों का चक्कर, इंद्रियों का ज्ञान, धर्म नमस्कार मंत्र, अरिहंत सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, साधु-सुधर्म, गति इंद्रियों के ज्ञान इससे बंधने वाले शुभ-अशुभ अवसरों को बता रहे है। पिछले 24 घंटे से लगातार बारिश होने के बावजूद आज भी बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविका सुबह व दोपहर में प्रवचन एवं मांगलिक का लाभ लेने पहुंचे।


चातुर्मास समिति के अध्यक्ष सुरेश सिंगवी ने कहा कल रविवार को डेढ़ बजे से चार बजे तक बच्चों का शिविर होगा। जैन संस्कार आरोहण परीक्षा होगी तथा बड़ीं संख्या में श्रावक-श्राविका दया दिवस में भाग लेंगे। गत सप्ताह की तुलना में इस बार काफी लोग भाग लेने वाले है। वहीं दुसरी ओर संवर वाले भी नियमित सेवाएं दे रहे है।

लाभ प्राप्त कर रहे है। आयोजन के प्रमुख संचेती परिवार दिन-रात प्रवचन में आने-जाने वाले की व्यवस्थाओं पर ध्यान दे रहे है। भोजन शाला प्रभारी भी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है। आज भी उपवास तेले-बेले को लेकर अपनी श्रद्धा की प्रस्तुति दी, यह क्रम जारी है। गत 20 जुलाई से चातुर्मासिक आयोजन के तहत अब तक रोज प्रार्थना, प्रवचन, अतापना, मौन मांगलिक, प्रतिक्रमण, धर्म चर्चा के साथ ही गुरुदेव शीतलराज का मौन निर्धारित समय पर जारी है।

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