राजा बनकर मन पर नजर रख, मन बुद्धि को एकाग्र करना ही राजयोग – राजयोगिनी पुष्पा दीदी

राजा बनकर मन पर नजर रख, मन बुद्धि को एकाग्र करना ही राजयोग – राजयोगिनी पुष्पा दीदी

भिलाई(अमर छत्तीसगढ) 5 अगस्त । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में नई दिल्ली करोल बाग स्थित पांडव भवन की निदेशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी पुष्पा दीदी ने अपने भिलाई प्रवास के आगमन पर उपस्थित ब्रह्मावत्स  को कहा की देवताओं के लिए गायन है सर्व गुण संपन्न, वैसे ही हमें हमारे जीवन में एक-एक गुण को धारण करना है।

 बुद्धि का योग एक परमात्मा से रहे दुनिया से तोड़ निभाते हुए भी हमें दुनिया से उपराम रहना है।

  शांति का गुण सभी को अच्छा लगता है,अशांति रूपी अवगुण का नही ।

 चेक करना है कि हमारी बुद्धि कहां-कहां जाती है,राजयोग से मन और बुद्धि को एकाग्र करना है।
 राजयोग माना  ही सहज पुरुषार्थ, राजा बनकर मन पर नजर रखनी है, मेहनत नहीं।

 आपने सभी को साइलेंस – मौन का अभ्यास बढ़ाने का विशेष होमवर्क दिया।

 आपने दादियों के संग  का अनुभव सुनाते हुए बताया कि दादिया सदैव देह रूपी आवरण से उपराम रही उनकी बुद्धि की लगन एक परमात्मा से थी।  उनके तपस्या का तेज, व्यवहार,बोल,योग शक्ति से सहज ही हमारा जीवन परिवर्तन हो गया।
 
 हमें भी जीवन के एक-एक सेकंड, समय को संकल्प की एनर्जी से समर्थ बनाना है।

 हमारा समय संकल्प एनर्जी व्यर्थ न जाए, सभी हमसे पूछे कि हमारा जीवन इतना ऊंचा बनने वाला कौन है।
  
 आपने विशेष बताया कि जैसी स्मृति  वैसी स्थिति,  स्मृति से हम शक्तिशाली बनते हैं। 

सुख की स्मृति से हम समृद्ध बनेंगे आपने  उदाहरण  द्वारा बताया कि  मैं शक्तिशाली आत्मा हूं इस स्मृति से कर्म करने से  शक्ति आती है और जीवन में समर्थी से समृद्धि आती है, जिससे हमारा जीवन सहज परिवर्तन होता है। 
हमारे व्यवहार से सभी को सुख मिलता है।

भिलाई सेवाकेंद्रों  की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दी

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