चैन्नई संघ ने हैदराबाद पहुंच गुरू चरणों में रखी वर्ष 2025 के चातुर्मास की भावपूर्ण विनती…. धन को करो धर्म में कन्वर्ट,चौकीदार नहीं मालिक बन करो दूसरों को भी मालामाल…. सुखी रहना है तो बांटना सीखो, देते रहने पर घर के अंदर हर दिन दिवाली- समकितमुनिजी

चैन्नई संघ ने हैदराबाद पहुंच गुरू चरणों में रखी वर्ष 2025 के चातुर्मास की भावपूर्ण विनती…. धन को करो धर्म में कन्वर्ट,चौकीदार नहीं मालिक बन करो दूसरों को भी मालामाल…. सुखी रहना है तो बांटना सीखो, देते रहने पर घर के अंदर हर दिन दिवाली- समकितमुनिजी

हैदराबाद, 9 अगस्त। जिंदगी में सही कार्य करने के लिए स्वार्थ से दूर रहना होगा। सभी नकारात्मक सोच वाले एक साथ हो जाते है तो काम बिगड़ना ही है। बटोरने के साथ बांटने का भी कार्य करे। देना सीख जाएंगे तो खुशहाली भी आ जाएगी। देते रहेंगे तो हर दिन घर के अंदर दिवाली रहेगी। बादल जब तक पानी एकत्रित करके रखते है उनका मुंह काला होता है लेकिन जैसे ही वह उस पानी को बांट देते है साफ मुंह वाले हो जाते है। इसी तरह बटोरने के साथ बांटते भी रहे तो एक वक्त ऐसा आता है जो भी हम बोलते वह सबको स्वीकार होता है।

ये विचार श्रमण संघीय सलाहकार राजर्षि भीष्म पितामह पूज्य सुमतिप्रकाशजी म.सा. के ़सुशिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि पूज्य डॉ. समकितमुनिजी म.सा. ने ग्रेटर हैदराबाद संघ (काचीगुड़ा) के तत्वावधान में श्री पूनमचंद गांधी जैन स्थानक में शुक्रवार को चातुर्मासिक प्रवचन में व्यक्त किए। प्रवचन सभा में वर्ष 2025 के चातुर्मास की भावपूर्ण विनती लेकर चैन्नई से श्रीसंघ भी उपस्थित हुआ।

प्रवचन में डॉ. समकितमुनिजी म.सा. ने कहा कि देने पर जैसे-जैसे खाली होते वैसे-वैसे हल्के होते जाएंगे। देना वहीं सार्थक है जो बिना मांगे दिया जाए। मांगने पर जो दिया जाता वह भिक्षा हो जाती है। देने पर हम जितना हल्के होंगे आत्मा पर भार भी उतना ही कम होता जाएगा। दिमाग का भार कम करना है तो जिन बातों से परेशानी व तनाव होता है उन्हें छोड़ना सीख जाए। मुनिश्री ने कहा कि जब तक हल्के नहीं होंगे मुसीबते बनी रहेगी।

जो अपने धन को धर्म में कन्वर्ट करना नहीं जानते उनको कोई पार नहीं लगा सकता। धन को धर्म में कन्वर्ट करना आ गया तो मिला हुआ हमारे लिए सौभाग्य बन जाएगा। हम चौकीदार नहीं मालिक बनना होगा। मालिक वह होता है जो दूसरों को भी मालामाल करता है। उसके हाथ में नित नए दिन माल आता ही रहता है। चौकीदार दूसरों को मालामाल नहीं कर सकता। मालिक बनेंगे तो हल्के रहेंगे ओर चौकीदार बनोंगे तो मधुमक्खी की तरह कब शहीद हो जाएंगे पता भी नहीं चलेगा।

गायनकुशल जयवन्त मुनिजी म.सा. ने भजन ‘‘गुरूवर के जीवन के यहीं दो श्रृंगार है,सच्ची सीधी जिंदगी ओर ज्ञान के भण्डार है’’ की प्रस्तुति दी। प्रवचन में प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. का सानिध्य भी रहा। धर्मसभा का संचालन ग्रेटर हैदराबाद श्रीसंघ के मंत्री पवन कटारिया ने किया। चातुर्मास के तहत प्रतिदिन प्रवचन सुबह 8.40 से 9.40 बजे तक हो रहा है। प्रतिदिन रात 8 से 9 बजे तक चौमुखी जाप का आयोजन भी किया जा रहा है।

नवरतन ग्रुप लेकर पहुंचा चैन्नई संघ, रखी चातुर्मास की विनती

धर्मसभा में शुक्रवार को नवरतन ग्रुप चैन्नई वहां का संघ लेकर पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा के श्रीचरणों में वर्ष 2025 के चातुर्मास की विनती को लेकर पेश हुआ। चैन्नई से पधारे संघ में करीब 250 श्रावक-श्राविकाएं शामिल थे। संघ के सदस्यों की ओर से चेतन पटवा ने पूज्य समकितमुनिजी से अगले वर्ष का चातुर्मास चैन्नई को प्रदान करने की भावपूर्ण विनती रखी ओर कहा कि चैन्नईवासी उनके चातुर्मास की घोषणा की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे है। महिला मण्डल की सदस्यों ने गीतिका के माध्यम से विनती रखी।

पूज्य समकितमुनिजी ने कहा कि हमारी समकित यात्रा वर्ष 2017 में चैन्नई के पैरम्बुर क्षेत्र में चातुर्मास से ही शुरू हुई थी। वहां से आ रही निरन्तर विनती करने के कारण हमारी भी आने की भावना है लेकिन चातुर्मास सम्बन्धी निर्णय पूज्य गुरू भगवन्त ही करेंगे। उन्होंने कहा कि श्रीसंघ उपाध्याय प्रवर विशालमुनिजी म.सा., उत्तर भारतीय प्रवर्तक आशीष मुनिजी म.सा., राजस्थान प्रवर्तक सकुनमुनिजी म.सा. के पास पहुंच अपनी विनती रखे।

उन्होंने संघ लेकर आए नवरतन ग्रुप की सराहना करते हुए ग्रुप के लिए मंगलभावना व्यक्त की। चैन्नई से संघ के साथ पधारे वरिष्ठ सुश्रावक चन्द्रप्रकाश तालेड़ा, एलआर छल्लाणी, मीठालाल पगारिया, महावीर बोकाड़िया का ग्रेटर हैदराबाद संघ की ओर से स्वागत सम्मान किया गया।

चातुर्मास में लगा हुआ तपस्याओं का ठाठ

पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा की प्रेरणा से चातुर्मास में तप-त्याग की गंगा निरन्तर प्रवाहित हो रही है। सभा में उस समय अनुमोदना के साथ हर्ष-हर्ष, जय-जय के जयकारे गूंजायमान हो उठे सुश्रावक अनिल सुराणा ने 9 उपवास एवं महेन्द्र लुणावत ने 7 उपवास के प्रत्याख्यान लिए।

कई श्रावक-श्राविकाओं ने उपवास, आयम्बिल,एकासन आदि तप के प्रत्याख्यान भी लिए। ग्रेटर हैदराबाद श्रीसंघ के तत्वावधान में 11 अगस्त को पुण्यकलश आराधकों का बग्गी में बिठा वरघोड़ा निकालने के साथ तप अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित होगा। अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित 15 दिवसीय चन्द्रकला द्रव्य मर्यादा तप भी गतिमान है। तप के सातवें दिन 9 द्रव्य मर्यादा रही। प्रतिदिन एक-एक द्रव्य मात्रा कम होते हुए अंतिम दिवस 17 अगस्त को मात्र एक द्रव्य का ही उपयोग करना होगा।

निलेश कांठेड़
मीडिया समन्वयक, समकित की यात्रा-2024
मो.9829537627

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