सिलीगुड़ी चातुर्मास 2024…मुनिश्री ज्ञानेंद्र कुमारजी ने कहा ध्यान  इस तरह से करना चाहिए कि हमे उसमें आंनद की अनुभति हो

सिलीगुड़ी चातुर्मास 2024…मुनिश्री ज्ञानेंद्र कुमारजी ने कहा ध्यान इस तरह से करना चाहिए कि हमे उसमें आंनद की अनुभति हो

सिलीगुड़ी (अमर छत्तीसगढ) 10 अगस्त।

प्रवचन में मुनिश्री ज्ञानेंद्र कुमारजी ने आज लोगस्य पाठ के बारे में और जानकारी प्रदान की उन्होंने बताया कि यह पाठ माला पर जपने के लिए नही है । इसका मनोयोग के साथ ध्यान किया जाता है, वह ध्यान भी इस तरह से करना चाहिए कि हमे उसमें आंनद की अनुभति हो आए उस ध्यान में रम जाये तब ही इससे आपको फायदा हो सकता है ।

उन्होंने बताया कि आसोज महीने की पूर्णिमा को इसका ध्यान आपको अवश्य करना चाहिए और प्रत्येक पूर्णिमा को रात्रि के समय और चंद्रमा की दूधिया रोशनी में खुले आसमान के नीचे ध्यान करना चाहिए यदि आपको टेबलेट लेने के बाद भी नींद नही आती हो तो इसका ध्यान चारो दिशाओ में 5 लोगस्य का ध्यान करना चाहिए ।

आपको महसूस होगा कि यह कितना लाभकारी है। इससे पूर्व मुनि श्री पदमकुमारजी ने एक गीताका का संगान किया और अपनी प्रेरणादायक कहानी को और आगे बढ़ाते हुवे श्रावक दुलीचंदजी के श्रवक्त्व के बारे में बताया। आगम प्रतियोगिता में भाग लेने वालों के प्रमाण पत्र का वितरण महिला मंडल की मंत्री श्रीमती सुमन बैद द्वारा किया गया। मुनिश्री के मंगल पाठ के साथ कार्यक्रम सम्पन्न किया गया।

समाचार प्रदाता:-मदन संचेती

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