रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 10 अगस्त।स्थानीय पुजारी पार्क के मानस भवन में आयोजित नियमित प्रवचन पर आज सूर्य आतपना धारी, महात्मा शीतल राज मसा ने कहा तीर्थंकर भगवंतो का जन्म ही संसार में करुणा भाव रखने वाले हैं। हर प्राणी के प्रति दया भाव, करुणा भव्य जीवन को करुणा भाव बताया । जिनको आत्म का विकास करना हो वही जीवन को सफल बना सकते हैं।
गुरुदेव ने रविवार को होने वाले दया दिवस के बारे में बताते हुए कहा कि भोजन बनाने में 6 काया का पाप लगता है, कम से कम एक सप्ताह में एक दिन दया कर 6 कायों को अभयदान देने की संकल्प करें । संवर में हम जब तक सामायिक नहीं करेंगे तब तक 18 पापों का त्याग नहीं होगा। हम कम से कम रविवार को दया कर सब पापों से बचने का संकल्प लेने का प्रयास करें।
दया करने से अहिंसा, संयम और तप की आराधना होगी तो 6 काया के पाप से बच सकेंगे । मैं अपना खाया हुआ पात्र को स्वयं साफ करूं स्वयं के बर्तन साफ करने से शरीर की कसरत, शरीर को फायदा, 6 काया की रक्षा, पानी गटर में नहीं फेंकने से कई जीव जंतुओं को जीवन मिलता है ।
जैन धर्म के सिद्धांत को पालन करेंगे तो आत्म साधना भी होगी । रविवार को दया दिवस पर कम से कम 11 सामयिक करे, जिससे 9 घंटे कम से कम जीवों की हत्या होगी जिससे से हम पाप से बचेंगे । अपना खाने पीने वाले बर्तन को स्वयं अपने हाथ से धोने से लाभ होगा। हमको अगर सच्चा लाभ लेने है तो जो हम खाए हैं वही महाराज को भी बैराय।
दया के लाभ…शरीर स्वस्थ रहेगा तो साधना भी होगी। हम लोग अपना बर्तन साफ करने का प्रयास करें, अहंकार ना करें । बर्तन को राख से मांजे, पानी को गटर में ना डालें, खुले स्थान में डालें जिससे अनेकों अनेक जीवों की हत्या के पाप से हम बचेंगे।
हमको 6 काया की रक्षा करनी है। हम एक दिन दया कर इन पापों से बचेंगे । हमारे सामायिक के उपकरण 6 काया की रक्षा के लिए है, पुंजनीय जीव रक्षा के लिए है, माला भगवान की भक्ति के लिए है। सामायिक वेशभूषा में दुपट्टा जीव रक्षा के लिए है । हम जो पहनते हैं उसमें जीव रक्षा नहीं होती । भगवान की वाणी के अनुसार सामयिक के एक-एक उपकरण का महत्व है । महाराज केवल मार्ग बता सकते हैं उसको पालन करना नहीं करना आपका निर्णय है ।
शीतल राज मास के सानिध्य में विभिन्न प्रकार के उपवासों की लड़ी से श्रावक श्राविका रोज जुड़ रहे हैं। वही नियमित रात्रि में आयोजित संवर में प्रतिदिन दर्जन भर से अधिक महिला पुरुष भाग ले रहे हैं । संवर वालों को नियमित रूप से सम्मान बहुमान चातुर्मास के लाभार्थी संचेती परिवार के प्रमुख दीपेश संचेती के द्वारा किया जा रहा है । चातुर्मास समिति के अनुसार इस रविवार 11 अगस्त को दया दिवस मनाया जा रहा है । सुबह प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया जा रहा है । भाग लेने वाले सम्मानित होंगे । सैकड़ो की संख्या में महिला पुरुष बच्चे शीतल राज मसा के मांगलिक ग्रहण कर रहे हैं । उपवास वालों के लिए भोजन शाला में भोजन की व्यवस्था नियमित रूप से की जा रही है ।