प्रेम और समर्पण पर टिका है दाम्पत्य जीवन- मुनि रमेश कुमार

प्रेम और समर्पण पर टिका है दाम्पत्य जीवन- मुनि रमेश कुमार


काठमाण्डौं नेपाल (अमर छत्तीसगढ)

परिवार सप्ताह का आयोजन

दांपत्य जीवन में कड़वाहट न आने दें ।दांपत्य एक ऐसा रिश्ता है जो मीठे-कड़वे अनुभवों से भरा हो सकता है। इस रिश्ते में सब कुछ मीठा भी सामान्य सा नहीं लगता, न ही मात्र कड़वाहट अच्छी लगती है। यह रिश्ता प्रेम विश्वास और समर्पण पर टिक हुआ होता है। जहां विश्वास टूटा तो इस पवित्र रिश्ते में दरार पड़ने में समय नहीं लगता। दोनों में से कोई भी किसी भी बात को तिल का पहाड़ बना दे तो अच्छी-भली चलती नाव डगमगाने लगती है। इस नाव को डगमगाहट से बचाने के लिए दोंनों को अपनी कमियों को दूर करने में ही भलाई है।

अपने में लाए कुछ परिवर्तनों से यदि आपकी नैया संभलती है। उपरोक्त विचार आचार्य श्री महाश्रमण जी के प्रबुद्ध सुशिष्य मुनिश्री रमेश कुमार ने तेरापंथ कक्ष स्थित महाश्रमण सभागार में आयोजित “परिवार सप्ताह” के अंतर्गत “मिटायें दाम्पत्य की दरार” विषय पर प्रवचन करते हुए व्यक्त किए।


आपने आज टूटते दाम्पत्य जीवन को बचाने के उपाय बताते हुए आगे कहा- दोनों को चाहिए कि पुरानी गलतियों और पुराने झगड़ों को बार-बार न दोहराया जाये। इस नाजुक रिश्ते में अहम् को आड़े न आने दें। दोनों को एक-दूसरे के सगे-संबंधियों और सहकर्मियों का खुले मन से स्वागत करना चाहिए। दोनों को चाहिए कि यदि एक को गुस्सा आ रहा है।
तो दूसरा चुप रहे। मौका आने पर दूसरे की गलती का अहसास प्रेमपूर्वक करवायें। दोनों को अपनी गलती मानने में शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए। पति पत्नी एक गाड़ी के दो पहिए हैं। खराब होने पर उनकी मरम्मत भी मिल-जुल कर करनी चाहिए। दोनों को एक दूसरे के प्रति प्रेम, विश्वास और समर्पण रखना चाहिए।

मुनि रत्न कुमार जी ने भी इस अवसर पर अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किए।

संप्रसारक
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा काठमाण्डौ नेपाल

Chhattisgarh